जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव जखौरा, मजरा कारीटोरन, स्कूल प्राथमिक विद्यालय में बच्चों और अध्यापकों ने बताया कि यहाँ एक शौचालय का पैसा बारह हजार रूपये आया था और कुल चार शौचालय का 48 हजार रुपये आये हुई थे जिससे की विद्यालय में शौचालय की सुविधा बनी रहे मगर ऐसे कुछ भी नहीं हुआ| यहाँ आप शौचालयों की व्यवस्था देख ही सकते हैं|
यह शौचालय हैं आप देख रहे हैं कि इनमें कुछ शौचालय में गेट है कुछ में नहीं है. चार-पांच साल से यह शौचालय ऐसे ही पड़ी हैं इसका उपयोग कोई बच्चा नहीं करता है. बच्चों का कहना है कि हम लोग बाहर जाते हैं टॉयलेट करने के लिए. विद्यालय में ये शौचालय करीब 10 साल से बना हुआ है और इन बच्चों का कहना है कि हम लोगों ने इन शौचालयों का उपयोग तक नहीं किया है कभी, हम लोग परेशान हैं क्योंकि सरकार ने पैसा तो खर्च किया है पर इनका सही ढंग से उपयोग हम नहीं कर पा रहे हैं अभी क्योंकि यहां पानी की सुविधा भी नहीं है और इनके गेट भी ठीक नहीं है. पूरे शौचालय नीचे से उखड़े हुए हैं. इस वजह से हम लोग इसका उपयोग नहीं करते हैं. लोगों का कहना है कि ना तो इसकी कभी साफ सफाई होती है ना इसके गेट ठीक करवाए जाते हैं और यहां पानी की व्यवस्था भी नहीं है जिससे बच्चा इसमें नहीं जाते हैं. यहाँ पर टॉयलेट अगर किसी बच्चे को जाना होता है तो वह बच्चा बाहर जाता है या अपने-अपने घर भाग जाते हैं बस्ता लेकर के.
अगर स्कूल में जाने की व्यवस्था होती तो बच्चों का समय बर्बाद भी नहीं होता क्योंकि छोटे बच्चे हैं अगर शौच के लिए घर आए तो फिर वापस स्कूल नहीं जाते हैं और पढ़ाई भी बर्बाद होती है समय भी बर्बाद होता है अगर दोपहर से घर आ गए तो दो-तीन घंटा पढ़ाई का नुकसान होता है. हम लोग सरकार से यही मांग करते हैं कि अगर सरकार ने बच्चों की सुविधा के लिए शौचालय का पैसा दिया है तो इसकी मरम्मत कराई जाए ताकि बच्चे इसी में जाएं और कहीं ना जाए. ये शौचालय अगर बन जाएं तो बच्चों को घर भागने का एक बहाना भी नहीं मिलेगा और वे पढ़ भी सकेंगे।
स्कूल के बच्चों के नाम जिनसे बात हुई है वे इस प्रकार हैं-
दशरथ- उम्र 8 साल
अनिकेत- उम्र 7 साल
रोशनी- उम्र 7 साल
-खबर लहरिया रिपोर्टर, सुषमा देवी द्वारा लिखित