खबर लहरिया Blog प्रेग्नेंट महिलाएं कब लगवाएं COVID वैक्सीन? टीकाकरण से जुड़े सवालों के जवाब

प्रेग्नेंट महिलाएं कब लगवाएं COVID वैक्सीन? टीकाकरण से जुड़े सवालों के जवाब

गर्भवती और बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली महिलाएं भी लगवा सकती हैं COVID का टीका।

ये जरूरी है कि गर्भवती और बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिलाएं खुद को COVID से बचाने के लिए सभी सावधानियां बरतें, जिसमें COVID के खिलाफ टीकाकरण भी शामिल है.

लेकिन लोगों में अभी भी कोविड के टीके को लेकर घबराहट और हिचक है, जबकि डॉक्टर ये साफ कर चुके हैं कि कोरोना की वैक्सीन गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित है और टीका COVID से सुरक्षा देने में मददगार है.

गर्भवती महिलाओं और बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली माताओं के कोविड टीकाकरण से जुड़े आपके सभी सवालों और शंकाओं के जवाब के लिए फिट ने दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनीता वर्मा और गुरुग्राम के मैक्स हॉस्पिटल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमन लाल से बात की.

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1. गर्भवती महिलाओं के लिए COVID वैक्सीन क्यों जरूरी है?

मौजूदा सबूत संकेत देते हैं कि गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण के कारण गंभीर बीमारी का जोखिम उन महिलाओं की तुलना में ज्यादा है, जो गर्भवती नहीं हैं.

ऐसा देखा गया है कि जिन गर्भवती महिलाओं में COVID के लक्षण पाए जाते हैं, उन्हें गंभीर बीमारी होने का जोखिम अधिक होता है और इसका असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी हो सकता है.

डॉ. सुनीता वर्मा ने बताया कि वैक्सीन न सिर्फ गर्भवती महिलाओं को सुरक्षा देती है बल्कि इससे गर्भ पल रहे शिशु को भी फायदा होता है.

2. गर्भावस्था के दौरान कोरोना संक्रमण के क्या जोखिम हो सकते हैं?

कोरोना संक्रमण के कारण कुछ गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ सकता है और गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

गर्भवती महिलाओं को कोविड होने पर समय से पहले शिशु का जन्म और दूसरे प्रतिकूल परिणामों जैसे नवजात शिशु का वजन कम होने का खतरा बढ़ सकता है. डॉ. सुमन लाल कहती हैं कि कुछ परिस्थितियों में जन्म से पहले शिशु की मौत तक का खतरा हो सकता है.

3. कोरोना संक्रमित होने पर किन गर्भवती महिलाओं में जटिलता का ज्यादा जोखिम है?

COVID की जटिलता उन गर्भवती महिलाओं में ज्यादा देखी जा सकती है-

  • जिनकी उम्र 35 से अधिक हो
  • जिन महिलाओं में मोटापा हो
  • जिन्हें डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर या कोई दूसरी स्वास्थ्य समस्या हो

4. गर्भवती महिलाएं कोविड वैक्सीन कब लगवा सकती हैं?

COVID वैक्सीन गर्भावस्था के दौरान कभी भी लगवाई जा सकती है और इसे जल्द से जल्द लगवाया जाना चाहिए. अगर कोई महिला गर्भावस्था के दौरान कोरोना संक्रमित हो जाती है, तो उसे डिलीवरी के बाद जल्द वैक्सीन लगाई जानी चाहिए.

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5. क्या बच्चे को स्तनपान कराने वाली माताएं कोविड वैक्सीन लगवा सकती हैं?

दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनीता वर्मा ने बताया कि वैक्सीन न सिर्फ स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सुरक्षा देती है बल्कि इससे मां का दूध पीने वाले शिशु को भी फायदा होता है. टीकाकरण वाली मांओं में सुरक्षा देने वाली एंटीबॉडी बन जाती है, जो मां के दूध से बच्चे को भी मिलती है.

6. क्या COVID टीकों के कोई दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट हैं?

सबसे पहली बात ये कि COVID टीके सुरक्षित हैं और टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को अन्य व्यक्तियों की तरह ही COVID बीमारी से बचाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि COVID टीके गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित हैं.

किसी भी दवा की तरह एक टीके के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जो सामान्य रूप से हल्के होते हैं. हल्का बुखार, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द या 1-3 दिनों तक बीमार महसूस करने जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जिससे डरने की जरूरत नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अगर आपको कोविड टीकाकरण के बाद सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द, लाल धब्बे या इंजेक्शन वाली जगह से दूर त्वचा के किसी हिस्से पर छाले, तेज या लगातार सिर दर्द, उल्टी के साथ या उसके बिना पेट दर्द, दौरे या धुंधला दिखाई देने जैसी कोई भी समस्या हो, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें. हालांकि ऐसी दिक्कतों की आशंका बेहद दुर्लभ है.

अगर गर्भवती महिला को इससे पहले किसी टीके से समस्या हुई हो, खाने की किसी चीज या दवा से एलर्जी हो, इससे पहले एंटी-कोविड मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या प्लाज्मा थेरेपी से कोविड का इलाज हुआ हो, तो टीका लगवाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लीजिए.

टीकाकरण के बाद भी कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करें- मास्क पहनें, दूसरों से शारीरिक दूरी बना कर रहें, समय-समय पर हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं.

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(ये स्टोरी क्विंट के COVID-19 और वैक्सीन पर आधारित फैक्ट चेक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और असम राज्यों के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है. अगर आप भी हमारे इस प्रोजेक्ट को सपोर्ट करना चाहते हैं, तो यहां क्लिक करें.)

यह श्रृंखला क्विंट हिंदी और ख़बर लहरिया पार्टनरशिप का अंश है। लेख क्विंट द्वारा लिखा और रिसर्च किया गया है। 

 

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