भाजपा की सरकार बनने के बाद फिर से पत्रकारों के साथ में हमले होना शुरू हो गये है. बिकाऊ मीडिया के अलावा जो भी पत्रकार सरकार के खिलाफ मुह खोल रहे हैं उनको उठा कर सीधे जेल में बंद किया जा रहा है लखनऊ के पत्रकार प्रशांत कौनजिया ने शोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आपत्ति जनक टिप्पड़ी करने पर करने पर जेलभेजा गया है कनौजिया ने ट्विटर और फेसबुक पर वीडियो साझा किया था
जिसमें एक महिला मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर विभिन्न मीडिया संगठनों के संवाददाताओं के समक्ष यह दावा करती दिख रही है कि उसने आदित्यनाथ को शादी का प्रस्ताव भेजा है और यह भी की योगी आदित्यनाथ उससे काफी समय से वीडियो काल पर बात कर रहे थे हलाकि बात में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रशांत को रिहा कर दिया गया इसी महीने कुछ दिन पहले घटना का एक कथित वीडियो मंगलवार को देर रात सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में सादे कपड़े पहने आरोपी पुलिसकर्मी टेलीविजन पत्रकार अमित शर्मा को बार-बार थप्पड़ मारते और पीटते नजर आ रहे हैं। बाद में, सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मियों ने पत्रकार को हिरासत में ले लिया।
और जबरदस्त लाकर डाल दिया पिटाई करने के आरोप में एक थाना प्रभारी सहित चार रेलवे पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज किया गया है। इसी तरह से पिछले साल गोरखपुर के जाकिर अली को फेसबुक पर योगी आदित्यनाथ नाथ पर कमेन्ट करने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया था क्योकि पिछले साल गोरखपुर के जाकिर अली को फेसबुक पर योगी आदित्यनाथ को कमेन्ट करने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया गया था क्योकि योगी आदित्यनाथ जी सत्ता में आने के बाद पहली जनसभा कर रहे थे
और बोले थे की गुंडे बदमाश यूपी छोड़ कर चले जाए तभी जाकिर हुसेन ने उनके पोस्ट के साथ यह कमेन्ट किये थे की हमारी क्या मजाल योगी की मैं यह कह सकूं की योगी जी के खिलाफ 28 मुकदमें दर्ज हैं जिसमें 22 बहुत गम्भीर हैं इस पोस्ट को लेकर पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया था तो साथियो सच बोलने का अधिकार तो हमें सम्विधान ने दिया न बोलने का अधिकार अपनी बात कहने का अधिकार लेकिन योगी मीडिया का मुह क्यों बन्द करवाना चाहते हैं . किसी और सरकार के सत्ता में रहते हुए पत्रकारों के साथ में इतना अत्यचार और शोषण नहीँ हुआ है
जितना इस सरकार में हो रहा है सच बोलने वाले ,सच लिखने वाले,और सच दिखाने वाले को या तो मौत के घाट उतार दिया गया है या फिर सलाखों के अन्दर किया गया है और सलाखों के अन्दर भी प्रताडित किया गया है क्या अगर मीडिया जगत सुरक्षित नहीं है तो फिर आप महिलाओं और आम जनता के सुरक्षा के बारे नहीं सोच सकते है ऐसे में योगी जी के ऊपर कार्यवाही नहीँ होनी चहिए सच सुनना आप पसंद नहीं करते हैं लेकिन सच सच ही होता है