महिलाओं व लड़कियों ने समाज की हर बेड़ियां अब धीरे-धीरे तोड़ दी हैं और कई उन्हें तोड़ने की कोशिश में आज भी लड़ाई लड़ रही हैं। उनकी यह लड़ाई इतिहास को बदलने को लेकर एक बड़ा कदम है। वह समाज के बंधनों से मुक्त होकर अपनी पहचान बनाने की ओर अग्रसर हो रही हैं और नए आयाम लिख रही हैं।
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