खबर लहरिया Blog बाँदा में 16 साल लड़की की रेलवे पटरी पर मिली लाश को क्या मिलेगा इन्साफ?

बाँदा में 16 साल लड़की की रेलवे पटरी पर मिली लाश को क्या मिलेगा इन्साफ?

11 जुलाई की सुबह लगभग 7:00 बजे बाँदा कोतवाली के अंतर्गत आने वाले एक मोहल्ले कि एक 16 साल की लड़की की लाश रेलवे पटरी पर देखी गई| उस घटना के बाद से अभी तक पीड़ित परिवार न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है. कलवगंज चौकी से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई लेकिन कोई नहीं सुना तो अब हार कर 11 अगस्त से वह परिवार अनशन पर बैठ गया है|

उस पीड़ित परिवार का कहना है कि लड़की के साथ पहले दुष्कर्म किया गया बाद में उसकी हत्या कर दी गई और अपना अपराध छुपाने के लिए रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया ताकि किसी को पता ना चले कि लड़की मारी गई है| तब से वह लोग न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला और उल्टे उनको धमकियां दी जा रही है कि अभी एक-दो लोगों को मारेंगे इसके बाद ही जेल जाएंगे| जिससे वह परिवार काफी दहशत में भी है और उनके बच्चे अकेले डर के कारण घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं| उनका कहना है कि उनकी लड़की की हत्या हुए 1 महीने से ऊपर हो गए लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई. वह अनशन पर जब तक बैठे रहेंगे जब तक उनके लड़की के हत्यारों का खुलासा नहीं हो जाता. उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक तो 1 महीने से ऊपर हो गए थे उनकी FIR तक दर्ज नहीं हुई थी. लेकिन जब वह 11 अगस्त को अनशन में बैठे उसी रात नगर कोतवाली आया और उसने एक व्यक्ति बंटी नाम की खिलाफ एफ आई आर दर्ज की और उसकी नकल भी दे गया| लेकिन उनके हिसाब से यह एक व्यक्ति का काम नहीं है और भी लोग उसमें शामिल है जिसके वह नाम नहीं जानते उनको भी अज्ञात में लिखा जाए और जल्द से जल्द गिरफ्तारी कर खुलासा किया जाए. उनका यह भी कहना है कि पुलिस यहां आती है और अनशन से हटने की बात करती है लेकिन वह इस अनशन को नहीं छोड़ेंगे, साथ ही उन्होंने पुलिस विभाग का दरवाजा तो खटखटाया ही लेकिन डीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर सीबीआई जांच की मांग भी की है. उनका कहना है कि अगर उनके लड़की के कातिलों का खुलासा नहीं होता तो वह मुख्यमंत्री आवास पर भी धरना करेंगे लेकिन न्याय पाकर ही रहेंगे| लड़की की मां और बाप ने यह भी बताया कि पुलिस उन्हें उल्टे फंसाने की कोशिश कर रही है और अपराधियों को बचाने की कोशिश में लगी है. उनसे कहती है कि वह खुद में बयान दें कि उनकी लड़की उस लड़के से प्यार करती थी और उसी के चलते हुए लड़का उसे परेशान करता था इसलिए उसने खुदकुशी कर ली है जबकि ऐसा मामला नहीं है और ना वह यह बात कहेंगे| उनका यह भी कहना है कि वह एक गरीब और मजदूर व्यक्ति हैं जो 2 जून की रोटी किसी तरह से अपने बच्चों का पेट पालन करते हैं और पढ़ाते लिखाते हैं.

इस मामले को लेकर जब सीओ सिटी से बात की तो उनका कहना है कि वह एक हादसा था लेकिन फिर भी उनके बार बार कहने के अनुसार बन्टी नाम के आदमी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, लेकिन जब तक कोई ठोस साक्ष नहीं मिलता कारवाई नहीं होगी|
जहां एक तरफ सरकार महिला सुरक्षा की बात करती है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का इतना बड़ा नारा देती है वहीं दूसरी तरफ बेटियों के साथ इस तरह की घटनाएं हो रही है तो क्या इस तरह की घटनाओं के चलते बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा साकार हो पाएगा| इससे बेटियां पढ़ पाएंगे आगे बढ़ पाएंगी या यह नारा एक दिखावा है| आखिरकार पुलिस क्यों इस मामले को गंभीरता से नहीं लेती क्यों पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल पाता इसकी क्या वजह है या फिर खाली पैसे का समझौता होता है और अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं वह खुलेआम घूमते हैं जिससे पीड़ित परिवार हर समय दहशत महसूस करता है|