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जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव भोड़ी यहाँ पर तीस विधवा महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें पेंशन नहीं मिल रही है। पात्र होने के बावजूद और कई बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उनके लड़के बहू खाना खाने को नहीं देते काफी दिक्कते हैं। खाना से लेकर पीने, पहनने तक। कई बार प्रधान से कह चुके हैं और फार्म भी आनलाइन करवा चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
ऊषा ने बताया कि हमें तो नहीं मिला। हम तो घर से बाहर ही पड़े हैं। हमारे ना तो खेत है ना ही पट्टा। लोगों को, तो जगह-जगह मिल रही है पेंशन पूरे गांव में। एक साल पहले एक वकील आये थे तब फार्म भरवा के ले गये थे। तब आज तक कुछ पता नहीं चला। अब तो नहीं मिल रही। नहीं तो खाने पहनने को हो ना जाए, क्यों हम इधर-उधर भटके।
प्यारी बहू का कहना है कि चार साल से परेशान नहीं मिल रही हैं। अब पांचवां साल लग गया। एक बार भरवाकर जमा किया था, लेकिन उसके बाद कह दिए कि पेंशन आई ही नहीं, नाम नहीं फीड हुए।
खरगी ने बताया कि हमने फार्म नहीं जमा करवाया था। एक वकील आये थे, वहीं लड़की ले गयी थी, तो वही जमा किया था। बस पैसा ले जाते हैं, कहीं कहते हैं, कि 500 रूपये लगने है और कहीं हजार के लिए कहते है। पैसा खा जाते है और बहाने बना देते हैं।
कपूरी का कहना है कि सास बूढ़ी है और खेती किसानी कुछ है नहीं, क्या करें? तीन बच्चों को पाले या सासू को पालेंगें। सास परेशान होती हैं, तो उनकी लड़की कहती है, कि बहू खिला नहीं सकती है। खेती होती तो, खेती करते उसके बाद खिलाते क्या करें? आँख से दिखता नहीं है क्या करें? दवा करवाए, कि बच्चों का पेट पाले या सास का।
मीरा ने बताया कि हम ये चाहते हैं, कि इनको महीने-महीने पेंशन मिले। जिससे इनके खर्च व दवा खाने पहनने के लिए कुछ सहयोग मिले सरकार से।
सहायक विकास अधिकारी, समाज कल्याण जिला ललितपुर के निरपत सिंह का कहना है कि हमारे यहाँ जो ब्लाक स्तर और आवेदन स्तर पर आते है। उनकी सबसे पहले जाँच की जाती है। जाँच के बाद उचित कार्यवाही की जाती है। आनलाइन आवेदन किए जाते है। किसी भी योजना के अनुसार चाहे पारिवारिक लाभ योजना हो या पेंशन हो। सारे आवेदन, जो आते है, उनकी आठ कापी यही विकास खंड कार्यालय में जमा होतीं हैं। पंजीकृत होती हैं, चिन्हित लोगों के बारे में बीडीओ साहब ही बता पायेंगें। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे, लोगों की जिनकी वार्षिक आय 46 हजार से कम है। उन लोगों को पेंशन दी जाती है। या बीपीएल सूची में नाम हैं, जो 60 साल की उम्र के है। ऐसे लोगों का चयन किया जा रहा है। वो खुद से अपना आवेदन करते हैं। आय,जाति प्रमाणपत्र, आधारकार्ड बैंक पासबुक, परिवार रजिस्टर की नकल ये सारे कागज लगते हैं। उस पर तभी कार्यवाही करते हैं।
प्रधान से बात हुई तो ने बताया कि अब तो आनलाइन काम हो रहा है। अब लोग खुद से करवाये या ना करवाए, हमें इससे कोई मतलब नहीं है और हम आपको बाईट नहीं देंगें।