सरकार जनसंख्या रोकने और गर्भपात न हो उनके लिए कई तरह के दवाइयां और कार्यक्रम चलाती है। पर कुछ ही जगह तक सीमित है। आज भी महिलाएं अनचाहे गर्भ को गर्भपात कराती है। यह हम नही बल्कि महोबा जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी खुद कह रही है।
भारत में गर्भपात वास्तविक अर्थों में कानूनी अधिकार नहीं है। कोई महिला डॉक्टर के पास जाकर यह नहीं कह सकती कि वह गर्भपात करवाना चाहती है। सुरक्षित कानूनी गर्भपात उसी स्थिति में हो सकता है अगर डॉक्टर कहे कि ऐसा करना ज़रूरी है।
महिलाओं ने बताया कि उन्हें यह मालूम है कि दवाइयां आती है, पर बहुत कम यूज करती है। ज्यादातर कंडोम का प्रयोग होता है। और वह बाजार से खरीद लेते है तो कई बार आशा या एएनएम या अस्पताल से ले आते है।
कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें एंजेनक्सन के बारे में मालूम हुआ है तो प्रयोग कर रहे है। अब बहुत सारी सुविधाएं आ गई है। अगर बच्चा नही चाहिए तो।नसबंदी करवा सकते है। गोलियां खा सकते हैं। कोपर्टी लगवा सकते है।
कंडोम का यूज कर सकते है। गोलियां और कंडोम तो हमारे पति बाजार से ले आते है। महोबा सीएमओ सुमन ने बताया कि अस्पताल में दवाइयां, एंजेनक्सन, कंडोम, कोपर्टी और नसबंदी की सुविधा है।
इसके जागरूक के लिए हमारी आशा एएनएम, आंगनवाड़ी के द्वारा प्रचार प्रसार करवाया जाता है। हर बुधवार और शनिवार को टीकाकरण होता तो बताया जाता है। जिससे महिलाएं यूज बजी कर रही है। जो अनचाहा गर्भवती हो जाती है तो उसके लिए गर्भ पात भी होता है।