चित्रकूट जिले कर्वी ब्लॉक के कालूपुर गांव मे आठ साल से प्रिया मसाले बिक रहे थेl ये प्रिया मसाले फैट्री के मालिक ब्रिजेश त्रिपाठी ने बताया मै बाहर काम करता था फैमली को लेकर परिवार की वजह से अक्सर आना जाना पडता थाl मैने सोचा क्यों न मै यही कोई काम शूरू करू जिससे यहां की बेरोजगार महिलाओं को काम मिलेl फिर मैने यहां मसाले की मशीनें लगवाई और थोडे से मसाले से शुरूआत कीl कुछ महिलाएं यहां आकर मसाले की पैकिंग करती हैं |
और जो महिलाएं यहां नहीं आना चाहती तो उन्हें घर पर भी काम दे देतें हैंl जैसे आचार बनता हैl तो मौसम के हिसाब से उन्हें आम ,गाजर ,आंवला ये सब काटने को देतें हैंl दो रूपये प्रिति किलो के हिसाब से और पूरूष भी काम कर रहे हैंl जो बाहर नहीं कमाने जाना चाहते वो यहां पर सेलरी पर काम करते हैं जो महिलाएं यहां आकर पैकिंग का काम करती हैं वो भी सेलरी पर हैं |
हम चाहते हैं और भी काम बढे ज्यादा से ज्यादा सेल हो जिससे हम महिलाओं को और काम दे सके जो नौजवान लडके लडकियां हैं उन्हें भी काम दे पाएंl वहां पर काम करने वाली महिलाओं से बात करी तो कुछ ने कहा हम बाहर परदेश जाते थेl कमाने अब अपने यहां ही काम मिल गया इसलिए हम बाहर नहीं जा रहे न जाएंगे यहां चाहे थोडा कम मिले लेकिन यहां के काम मे खुश हैंl कुछ महिलाओं ने कहा पहले कभी कही काम नहीं करी लेकिन जब यहां काम शूरू किया घर मे जो आर्थिक तंगी थीl वो कम हो गई और काफी घर खर्च मे सुविधा हुई हैl वहां सेल्समैन का काम कर रहे लडके हिसाब किताब रखने वाले लडको का भी यही कहना था |
अगर यहां हमे अछ्छा काम मिल रहा है तो परदेश क्यों जाए घर परिवार से दूर रहकर यहां से ज्यादा भी कमाते हैं तो भी बचता नहीं और दिक्कतें अलग होती हैं lइसलिए हमें यहां काम करना पसंद हैl रीता त्रिपाठी बृजेश त्रिपाठी की पत्नी का भी इस फैट्री मे बडा योगदान हैl रीता त्रिपाठी कहती हैं हमारे क्षेत्र मे बेरोजगारी इतनी लोगों के पास रोजगार नहीं हैl लोग घर परिवार छोडकर कहा कहा जाते हैं फिर भी न चैन से रह पाते हैं न खा पाते हैंl
अगर अचानक घर आना हुआ कोई समस्या हो गई तो पैसा भी जल्दी नहीं मिलताl आने के लिए किराया भाड़ा कैसे करके आते हैंl फिर वापस जरूरी नहीं वो मालिक काम देता भी है की नहीं और इस सराहनीय काम के लिए चित्रकूट डीएम ने उन्हें सम्मानित भी किया थाl और अब इन्हें विदेशों मे भी प्रिया मसाले सप्लाई करने का तो अब चित्रकूट के मसाले महकेंगे विदेशों के किचन मेl