प्रधानमंत्री आवास योजना : चित्रकूट जिले के मबई गाँव में लोगों का कच्चा घर बन गया है उनके लिए आफत. एक तो पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित लोग कच्चे घरों में रहने को मजबूर थे और फिर उसके बाद बाढ़ का प्रकोप मानो उनके लिए कहर बनकर गिर पड़ा.
गाँव के लोगों का कहना है कि हम लोगों के कई दिनों से आवास नहीं बने है हम लोगो को रहने के लिये घर नहीं है बरसात के दिनों मे घरों में पानी भर जाता है सही से गुजारा नही कर पाते और जैसे रिश्तेदार भी आज जाते है और परेशान होते हैं हम लोग डंडे में पन्नी तंग के जीने को मजबूर हैं |
चित्रकूट में बाढ़ आने से करीब 17 लोगों के कच्चे घर तबाह हो गए और वे लोग अब बेघर हो गए है. उनके पास रहने के लिए छत तक नहीं है इस वक़्त। वहीँ कुछ सालों पहले प्रधानमंत्री ने वडा किया था की 2020 तक सभी देशवासियों के पास उनके खुद के आवास होंगे पर हालातों के देखकर ऐसा बिलकुल भी प्रतीत नहीं हो रहा है |
भारत सरकार की एक योजना है जिसके माध्यम से नगरों में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल घर प्रदान किये जाएँगे। सरकार ने ९ राज्यों के ३०५ नगरों एवं कस्बों को चिह्नित किया है जिनमें ये घर बनाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण योजना ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण संचालित योजना है इस योजना का शुभारम्भ 25 जून,2015 को हुआ। इस योजना का उद्देश्य 2022 तक सभी को घर उपलब्ध करना है। इस के लिए सरकार 20 लाख घरो का निर्माण करवाएगी जिनमे से 18 लाख घर झुग्गी –झोपड़ी वाले इलाके में बाकि 2 लाख शहरों के गरीब इलाकों में किया जायेगा।
इतना सब प्लान करने के बाद भी आज के समय में लोग पन्नी लगा के रह रहे हैं |