खबर लहरिया ताजा खबरें बुंदेलखंड और पानी दोनों की कहानी सदियों पुरानी, देखिये कविता शो के इस एपिसोड 87 में

बुंदेलखंड और पानी दोनों की कहानी सदियों पुरानी, देखिये कविता शो के इस एपिसोड 87 में

नमस्कार द कविता शो के इस एपीसोड में आपका स्वागत है साथियों बुंदेलखंड प्यासा मर रहा है बुन्देलखण्ड की जनता बूंद बूंद पानी के लिए तरह रही है क्योकि पानी का वाटर लेबल 50 फीट तक नीचे चला गया है जिस वजह से हैंडपंप पानी देना बन्द कर दिए हैं कुआं तालाब और नदी भी सूख गयी है इंसान जानवर और जीव जन्तु मारे प्यास के त्राही त्राही कर रहे हैं बांदा में जो इलाके ऊंचाईयों पर बसे हैं वहां तो पानी नहीं चढ़ता है पाकी जगह जो भी पानी मिलता है उससे लोगों का खर्च नहीं चल पाता है आते दिन लोग प्रसाशन के कार्यालय में जाकर कहीं ज्ञापन देते हैं तो कहीं पर घड़े फोड़ते हैं फिर भी कोई कार्यवाही नहीं होती है बांदा भूरा गढ़ नदी और चित्रकूट की मंदानकिनी नहीभी सूख गयी हैं इस वजह से लोगों को पानी की सप्लाई नहीं की जाती है तो उधर चित्रकूट की मंदाकिनी नहीं भी सूख रही ये दोनों नदियां जीवन दायिनी है लेकिन अब इनसे भरपूर मात्रा पानी नहीं मिल रहा है बांदा की केन नदी में तो बाबलू के अबैध खनन के कारण कयी जगह नदी का पानी बालू माफियाओं ने रोक लिया है इस वजह से भी बांदा वासियों को पानी नहीं मिल रहा है ग्रामीण इलाकों में तो हैण्डप्प कुआं और तालाब ही में है लेकिन इनके सूखने के पानी कुछ खास व्यवस्था सरकार की तरफ से नहीं कराई जा रही है गिने-चुने गांव है जो सहर से लगे हैं जहां नाम के लिए दिन भर में एक पानी का टैंकर भेज दिया जाता है लेकीन उसमें भी लोगों को पर्याप्त पानी न नहीं मिल पाता है पानी के लिए तो सबसे ज्यादा संघर्ष महिलाओं को करना पड़ता है गांव में महिलाएं ही पानी भरती है उनको रात रात भर जाग कर पानी भरना पड़ता है इस वजह से उनकी सेहत में भी बुरा असर पड़ता है मानिक पुर का पाठा क्षेत्र के लोग पांच पांच किलो मीटर चल कर बैलगाड़ी से पानी भरने जाते तब जाकर गला सीच पाते हैं पिछले बिधान सभा के चुनाव में भाजपा विधायक आरके पटेल ने वोट मांगने गया था और बोला था कि सबसे पहले पानी ब्यवस्था करवायेगा लेकिन जीतने के बाद उन गांव में झांकने तक नहीं गया है अब हाल ही में मोदी बांदा में चुनावी जनसभा करने आये थे और उनृहोने कहा की वो जीत जायेंगे यहां पर पानी का मंत्रालय ही बना देगें अरे मैं कहती हैं हैंडपंप सुधरवा दें गांव में टैंकर भेजवा दे फिर मंत्रालय कि बात करै मोदी छोटे मुंह बड़ी बातै नहीं अच्छी लगती है मजेदार एक और बात सामने आई है हमारे बांदा के डीएम पानी कि पूर्ती के लिए यज्ञ करवा रहे हैं अरे भाई कभी यंज्ञ कराने से पानी नहीं मिलेगा पानी के लिए बजट बनाओ रणनीति बनाओ गांवों में जाकर देखो नदी का खनन रूकवाओ पानी का टैंक भेजवाओ तब पानी की समस्या दूर होगी न की पूजा या यज्ञ करने से