शादी और दरवाजे में सजावट न हो, मतलब दीवाल पर नाम लिखकर पेंटिंग न किया गया हो तो दरवाजे की सारी रौनक खत्म सी होती है।
शादी में हर एक चीज़ का अपना महत्व होता है चाहे वो सजावट हो या खाना पीना किसी चीज़ में कमी नहीं होती है
घर के पेंटिंग से लेकर दरवाज़ा में फूल पट्टी की डिजाईन लोग हर छोटी बड़ी चीज़ का ध्यान रखते हैं
दरवाजे पर यह सजावट शादी के बाद भी आपको याद दिलाती है कि आपकी शादी कब हुई थी। और यह तो अब बिजनेश मॉडल बन गया है।
भरत लखेरा बताते है कि वह यह काम बचपन से करते आ रहे हैं। पहले उनके पिता जी करते थे।
उन्ही से सीखा है और अब वो खुद कर रहे है। महोबा जिला में वह आसपास के गाव में दरवाजे पर पेंट करने जाते है। और वह कई तरह की पेंटिंग करते है।
कलर ब्रश सब घर से ही लेकर जाते है। जो लोगो को ज्यादा पसंद आता है, वह हरा,पीला नीला या नारंगी रंग होता है।
उसके बाद भी अगर उनको पसंद नही आया तो उनके पसंद का कलर करते है। कलर में वह गोद मिलाते है जिससे यह कलर चिपका रहे बारिस में जल्दी धुले न।
दरवाजा सजाने के लिए पहले से लोग ऑर्डर देते है। जब एक साथ कई शादियां होती है तो सुबह से ही शुरुआत करने लगते है।
एक दरवाजा सजाने में ज्यादा टाइम नही लगता है। दो से 3 घंटे लगते है। और फिर जगह और डिजाइन के हिसाब से होता है।
हमारे लिए तो यह बिजनेश ही है। शादी के मौसम में ये करते है।
उसके बाद बच्चों की प्रैक्टिकल की फाइल बनना शुरू कर देते है। स्कूल के साथ साथ कोचिंग भी पढ़ाते है।
हमारे सभी भाई बहन कला में बहुत रुचि रखते है। दो भाई दो बहन, और मम्मी पापा है।