हाल ही में जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों में अटल जल योजना को रोक कर उसके वोलन्टीयर्स को दूसरे काम का ज़िम्मा दे दिया है। अब इन वोलन्टीयर्स को गाँव में कोरोना महामारी से बचने और सोशल डिस्टन्सिंग पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने का काम दिया गया है।
जैसा कि हम जानते हैं कि देश के कई हिस्सों में आज पानी की इतनी किल्लत है कि लोगों को घंटों लाइनों में लग कर पानी भरना पड़ता है और कई जगहों पर तो हाल यह है कि पूरा परिवार एक ही बाल्टी पानी से दिन भर गुज़ारा करता है। पानी की इसी किल्लत को मद्देनज़र रखते हुए पन्ना ज़िले के ब्लॉक अजयगढ़ तहसील में 65 ग्राम पंचायत ऐसे हैं जहाँ पर अटल जल योजना का काम चालू किया गया था। और हर ग्राम पंचायत में स्वयंसेवक यानी वालंटियर चयनित किए गए थे। इन स्वयंसेवकों का काम यह था कि वो प्रत्येक ग्राम पंचायत में जाकर लोगों को पानी के बारे में समझाएं कि किस प्रकार से पानी को बचाया जा सकता है और पानी को बचाने के क्या-क्या उपाय हैं ताकि आने वाले समय में पानी की समस्या अधिक ना बढ़ जाए।
बता दें कि अटल जल योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिन ग्राम पंचायतों में पानी की विशेष कमी है और जहाँ लोग पानी का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन गाँव में लोगों को पानी को बचाने की विधियां और तरीके बताए जाएंगे। यह काम ग्राम पंचायतों में अप्रैल के महीने में शुरू किया गया था और वॉलिंटियर बनाए गए थे, लेकिन फिर कुछ ही दिनों बाद कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण इस काम को कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया था।
कोरोना से बचाव के साथ लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए भी कर रहे जागरूक-
हाल ही में जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों में अटल जल योजना को रोक कर उसके वोलन्टीयर्स को दूसरे काम का ज़िम्मा दे दिया है। अब इन वोलन्टीयर्स को गाँव में कोरोना महामारी से बचने और सोशल डिस्टन्सिंग पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने का काम दिया गया है। ये लोग अब गाँव-गाँव जाकर लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक कर रहे हैं, साथ ही उन्हें कोरोना से बचने के लिए ज़रूरी दिशानिर्देशों के बारे में भी बता रहे हैं। प्रशासन ने यह फैसला गाँव में इस महामारी को लेकर के फैली अफवाहों को रोकने के कारण लिया है, क्यूंकि ऐसा देखा गया है कि गाँव में कई लोग बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए अभी भी बाहर निकल रहे हैं।
ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण को लेकर हैं कई सारे भ्रम-
यह वोलन्टीयर्स 6 मई यानी गुरूवार को अजयगढ़ ब्लॉक से 25 किलोमीटर दूर स्थित बाबतपुर गाँव के लोगों को जागरूक करने पहुंचे। इन वोलन्टीयर्स की मानें तो गाँव के अधिकृत लोगों के पास मास्क नहीं था और वो बिना सोशल डिस्टैन्सिंग के गुट बना कर बैठे हुए थे। जब गाँव वालों से कोरोना वायरस से बचने के लिए कोई गाइडलाइन का पालन न करने का कारण पूछा गया तो उनका कहना था कि इस गाँव में कोरोना वायरस फैलने का खतरा नहीं है, यह सिर्फ बड़े शहरों में रह रहे लोगों को होने वाली बीमारी है।
जब हमने बाबतपुर गाँव के गोरेलाल से इस बारे में जानकारी लेनी चाही, तो उनका कहना है कि गाँव के ज़्यादातर लोग मज़दूर हैं जिनका काम लॉकडाउन लगने के कारण बंद चल रहा है। इन लोगों के पास रोज़गार का कोई जरिया नहीं है, ऐसे में यह लोग कैसे किराया-भाड़ा लगाकर टीकाकरण करवाने शहर जाएँ? जहाँ प्रशासन इस समय महामारी को काबू करने की हर कोशिश कर रहा है, वहीँ गाँव के कई लोग सरकार और प्रशासन पर भड़के हुए दिखे। इन लोगों का कहना है कि लॉकडाउन लगने से सबसे ज़्यादा कठिनाइयों का सामना गरीबों को करना पड़ रहा है।
यह लोग एक वक़्त के खाने के लिए तरस रहे हैं लेकिन प्रशासन इनको मुफ्त राशन की सुविधा उपलब्ध कराने के बजाय लोगों को भेजकर कोरोना वायरस के बारे में जानकारी देने का काम कर रही है। इन लोगों की मानें तो इस समय इन्हें जागरूकता की नहीं बल्कि रोज़गार और पैसों की सहायता की ज़रुरत है।
वोलन्टीयर्स संक्रमण से बचाव के साथ दे रहे हैं और भी बहुत सी जानकारी-
वॉलंटियर संतोष का कहना है कि गाँव के लोगों में अभी भी कोरोना महामारी को लेकर के कई तरह के भ्रम हैं, जिसके कारण ये लोग कोरोना की वैक्सीन लेने से भी डर रहे हैं, साथ ही इन लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस जैसी कोई बीमारी है ही नहीं। ग्रामीणों के इन्हीं भ्रमों को दूर करने का काम अब तेज़ी से ये वोलन्टीयर्स कर रहे हैं। ताकि लोग न ही सिर्फ इस बीमारी की चपेट में आने से बच सकें बल्कि अपने साथ-साथ अपने आसपास के लोगों को भी बचा सकें।
अजयगढ़ ब्लॉक में वोलन्टीयर्स के कोऑर्डिनेटर मनीष ने बताया कि यह वॉलंटियर महामारी से बचने के उपायों के साथ-साथ ग्रामीणों को यह भी बताते हैं कि अगर उन्हें कोविड-19 के लक्षण शरीर में दिखाई देते हैं तो वो उसे हल्के में न लेकर तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर मुफ्त चिकित्सा पा सकते हैं। इसके साथ ही ये लोग ग्रामीणों को खाने-पीने में किन चीज़ों का सेवन करना है, घर में सफाई कैसे रखना है, आदि चीज़ों के बारे में भी बताते हैं।
अटल जल योजना के स्वयंसेवकों के द्वारा ग्रामीणों को कोरोना महामारी से बचाव करने के लिए जागरूक करने का यह फैसला काफी अच्छा है। क्यूंकि अभी भी गाँव में लोग कोरोना संक्रमण को भूलकर बिना मास्क और सोशल डिस्टन्सिंग के बाहर घूम रहे हैं, जिससे वो न ही सिर्फ अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं बल्कि अपने आसपास रह रहे लोगों का भी संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ा रहे हैं। इसलिए ज़रूरी है कि इन वोलन्टीयर्स की मदद से लोगों के भ्रमों को दूर किया जा सके और कोरोना संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सके।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए अनीता शाक्या द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
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