हर रोज महिलाओं के रेप और हत्याओं और जबरदस्ती शारीरिक सम्बंध बनाने की ख़बरें सामने आती हैं|
भारतीय महिलाओं को इस हक़ीकत से खुद को आत्मसात कराना है कि उन्हें खुद को बचाना है,
भारत के क्राइम रिकॉर्ड के आंकड़े बताते हैं कि बच्चों के रेप के मामले साल 2012 से 2016 तक डबल हो गए हैं. इसमें से 40 फ़ीसदी मामलों में पीड़िताएं बच्चियां थीं|
आंकड़ों में इस बढ़त का कारण साल 2012 के निर्भया गैंगरेप केस के बाद आम लोगों में रेप की समझ बढ़ने और पुलिस और मीडिया द्वारा रेप केसों की बेहतर रिपोर्टिंग हो सकती है|
एक अच्छी ख़बर ये है कि रेप हत्याओं और जबरदस्ती शारीरिक सम्बंध के मामलों में शिकायतें दर्ज होना शुरू हो गई हैं , अब लोग जागरूक हो रहे है ऐसे मामले छुपाते नही हैं लेकिन वही बुरी खबर यह भी इस न्याय व्यवस्था से कई अभियुक्त लोग रिहा हो जाते हैं|
कई लोग ये मानने को तैयार तक नहीं हैं कि यौन शोषण एक ऐसी समस्या है जो भारत को नुकसान पहुंचा रही है.
और मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी समेत ज़्यादातर पार्टियां इस समस्या का निदान निकालने के लिए तैयार नज़र नहीं आ रही हैं|
एक ऐसी ही घटना जनपद चित्रकूट के कर्वी ब्लाक के हेला ग्राम की है जहाँ एक ससुर अपनी बहु के साथ शारीरिक सम्बंधबलात्कार केस में लिखा मारपीट का मुकदमा बनाने के जबरदस्ती करता था जिससे तंग आ कर बहु ने फांसी लगा कर जान दे दी | मृतिका के पति का दिमागी संतुलन ख़राब था | इलाज कराने के बाद भी ठीक नही हुआ |
मृतिका की बहन का कहना है कि कई बार ससुर गलत हरकत करने की कोशिश कर चुका था तो पंचायत ने समझा कर समझौता करा कर मृतिका को ससुराल पहुंचा दिया था जिसको मकरसंक्रांति के दिन वापस अपने मायके आना था लेकिन इसके पहले ही ससुर ने घटना को अंजाम दे दिया |
अभीअपराधी ससुर को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया है और बाकि हिजों की छान बीन चल रही है |