नमस्कार दोस्तों मैं हूं गीता लेकर आई हूं अपना सो ‘जासूस या जनरलिस्ट।’ दोस्तों बढ़ती क्राइम की घटनाओं ने हर तरफ तहलका मचा दिया है। कहीं मार-काट, कहीं फांसी की खबरें तो कहीं डायन कह कर जिंदा जलाना, इस तरह के मामले हर दिन सुनने को मिल रहे हैं। बिहार राज्य के गया जिले में नवंबर 2022 को एक महिला को डायन कहकर जिंदा जला देने का मामला सामने आया। उस गांव में तब से आज तक सन्नाटा फैला हुआ है और लोग दहशत में जी रहे हैं।
मेरी जासूसी कहती है कि बिहार एक पिछड़ा राज्य है। यहां पर शिक्षा का अभाव है और अंधविश्वास हावी है जिसके चलते लोग ओझा पर विश्वास करते हैं। अगर किसी को कोई बीमारी है तो अस्पताल में नहीं ओझा को दिखाएंगे। अगर ओझा ने कोई ऐसी बात बोल दी तो समझो कि कयामत ही आ जाती है। ऐसा ही हुआ है पांचवा गांव में बीमारी के चलते एक लड़के की मौत हो गई लेकिन गांव में रह रहे उच्च जाति के लोगों ने एक दलित महिला पर टोना-टोटका कर मार देने का आरोप लगाते हुए उसको डायन कहना शुरू कर दिया। मामले को लेकर पंचायत बुला ली गई। पंचायत में दोनों तरफ के लोग गए लेकिन पंचायत का निर्णय होने से पहले ही उच्च जाति के लोगों ने महिला के परिवार को जमकर पीटा और दौड़ते हुए महिला के घर आ गए।
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सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पहले तो महिला को बुरी तरह से पीटा और इसके बाद तेल डालकर उसको जिंदा जला दिया। इस भयावह घटना को पूरा गांव तमाशबीन बना देखता रहा। यह मामला अभी शांत ही नहीं हुआ कि इसी गांव से डायन का दूसरा मामला भी सामने आ गया। बिहार और झारखंड जैसे राज्यों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। आए दिन इस तरह के मामले सामने आते हैं जहां पर महिलाओं के साथ हिंसा होती है और उनको जिंदा जला दिया जाता है।
मेरी जासूसी यह भी कहती है कि यहां पर हमेशा से ही दलितों के ऊपर खासकर हिंसा हावी रही हैं। इसके लिए वहां की सरकार को चाहिए कि अपने स्तर से टीम गठित कर एनजीओ और संस्थाओं के माध्यम से सहयोग के साथ जागरूकता फैलाए। यह जो अंधविश्वास समाज में हावी है इसको खत्म करें नहीं तो पता नहीं कितनी और महिलाएं ऐसे जिंदा जला दी जाएंगी क्योंकि महिलाओं के ऊपर हिंसा दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, हावी होती जा रही है चाहें वह दहेज को लेकर हो, रेप को लेकर हो या फिर टोना-टोटका के चलते भूत प्रेत और ओझा को लेकर के हो।
फिलहाल पांचवा गांव में इस मामले में 15 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। 200 लोगों के खिलाफ अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज है। मैगरा थाने में अभी भी जांच बराबर से ज़ारी है अब देखते हैं आगे इस केस में परिवार को किस तरह का न्याय मिलता है क्योंकि जिस परिवार से महिला को जिंदा जलाया गया है उस परिवार के बच्चे बिना मां के हो गए हैं। मां के साथ-साथ उनके घर-गृहस्थी का सामान भी जला दिया गया अब वह अपने रिश्तेदारों के यहां जान बचाए घुसे हैं। कब तक उनको न्याय मिल पाएगा और वह इस दहशत से बाहर निकल कर अपनी घर-गृहस्थी संभाल पाएंगे या फिर दहशत के कारण गांव ही छोड़ने को मजबूर होंगे या जो प्रशासन से उनकी मांग है कि सुरक्षा मिले। उसके लिए वहां की सरकार या पुलिस प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगी। तो यह थी मेरी आज की जासूसी भरी कहानी अगली बार फिर मिलूंगी किसी नये मुद्दे के साथ तब तक के लिए दीजिए इज़ाज़त नमस्कार!
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