उत्तर प्रदेश बांदा जिला के तिंदवारी क्षेत्र में कई गाँव ऐसे हैं, जिसमें रहने वाले लोग आवास ना मिल पाने की वजह से अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जो लोग आवास के पात्र नहीं है उन्हें आवास दिया जा रहा है। वहीं जो लोग पात्र हैं, वे लोग बेघर रहने के लिए मज़बूर है। लोगों का आरोप है कि प्रधान द्वारा उनसे आवास के लिए 10 हज़ार रूपये मांगे जाते हैं। जब वह इतने पैसे नहीं दे पाते तो इतनी ही रकम में आवास को अपात्र लोगों को बेच दिया जाता है। इसी वजह से लोगों को आवास नहीं मिल पा रहे हैं। लोगों द्वारा कई बार पैलानी तहसील अधिकारी को समस्या का निवारण करने के लिए ज्ञापन भी दिया गया। लेकिन उन्हें अधिकारीयों से आवास के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला। लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में कच्चे मकान होने की वजह से घर ढह जाते हैं। यूं तो चुनाव के समय प्रधान द्वारा घर-घर जाकर वोट माँगा जाता है, लेकिन उनका कोई काम नहीं किया जाता। उनका कहना है कि साल 2011 की सूची में उनके नाम थे। लेकिन उनके हक़ के आवास को दूसरे लोगों को हज़ारों में बेच दिया गया। इस मामले में बाँदा के डीएम आनंद कुमार ने ज्ञापन लेते हुए लोगों को आश्वाशन दिया कि गाँव में पहले आवास के लिए पात्र लोगों की जांच कराई जाएगी। उसके बाद लोगों को आवास प्रदान कर दिए जायेंगे।