आज 24 नवंबर को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाम 4:30 बजे लखनऊ में कैबिनेट की बैठक करने वाले हैं। इस मीटिंग में सरकार लव-जिहाद के खिलाफ कानून प्रस्तावित करने वाली है। इस कानून का नाम “विधि विरुद्ध धर्मानांतरण -2020” रखा गया है। इससे पहले स्टेट लॉ कमीशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लव-जिहाद से संबंधित भारी-भरकम रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके बाद गृह विभाग ने रिपोर्ट की रुपरेखा तैयार कर न्याय एवं विधि विभाग से लव-जिहाद के खिलाफ कानून प्रस्तावित करने की अनुमति ली थी। आज की बैठक में बस बनाये कानून को हरी झंडी दिखाई जायेगी।
5 से 10 साल की सज़ा का है प्रावधान
कानून लागू होने के बाद जो भी कानून के अंतर्गत अपराध करेगा, उसे 5 से 10 साल की सज़ा देने का प्रावधान है। साथ ही शादी के नाम धर्म परिवर्तन भी नहीं किया जा सकेगा। शादी करनवाने वाले मौलाना या पंडित को उस धर्म का पूरी तरह से जानकारी होना ज़रूरी है। कानून के हिसाब से महिला का ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने वाले और उन पर अत्याचार करने वालों को सीधा जेल की सलाखों के पीछे कर दिया जायेगा।
यह है इलाहबाद उच्च न्यायलय का कहना
आज कुशीनगर के रहने वाले सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार के ‘लव-जिहाद’ मामले की सुनवाई करते हुए इलाहबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना ज़रूरी नहीं है। किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का पूरा अधिकार है। अदालत ने यह भी कहा कि कानून दो बालिग व्यक्तियों को साथ रहने की इज़ाज़त देता है, चाहें वह समान या विपरीत लिंग के ही क्यों ना हों।
सलामत और प्रियंका खरवार ने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर मुस्लिम रीति रिवाज के साथ अगस्त 2019 में शादी की थी। शादी के बाद प्रियंका ने अपना नाम बदलकर आलिया रख लिया था। लड़की के परिवार वालों का आरोप है कि उनकी बेटी हो बहला-फुसलाकर ले जाया गया था। जिसे देखते हुए पुलिस ने सलामत के खिलाफ पोस्को एक्ट (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम) के तहत एफआईआर दर्ज़ की थी।
जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रियंका खरवार उर्फ आलिया की उम्र का कई मसला नहीं है। प्रियंका की उम्र 21 साल की है। अदालत ने प्रियंका को अपने पति के साथ रहने की छूट दी है। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में पोस्को एक्ट लागू नहीं होता। वह प्रियंका खरवार और सलामत को हिंदू और मुस्लिम की तरह नहीं देखती।
‘लव जिहाद’ से संबंधित एसआईटी की रिपोर्ट
स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने सोमवार 23 नवंबर को ‘लव जिहाद’ के प्रकरणों की जांच की रिपोर्ट कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक को सौंपी थी। जिसमें कई तरह की साजिशों की बात सामने आयी हैं। इंस्पेक्टर जनरल मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी ने कुल 14 प्रकरणों की जांच की है, जिसमें से 11 में अपराध होना पाया गया है। एसआईटी ने बताया कि कुछ आरोपियों ने धोखाधड़ी करके हिन्दू लड़कियों के साथ ‘प्रेम संबंध’ बनाये और बाकी तीन लड़कियों ने अपनी मर्ज़ी से शादी करने की बात की है।
11 आरोपियों के खिलाफ दर्ज़ की गयी रिपोर्ट
पुलिस महानिरीक्षक के अनुसार उन्होंने सभी 11 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज़ कर दी है। साथ ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। आरोपियों पर बलात्कार, अपहरण और शादी के लिये मजबूर करने के आरोप लगाये गये हैं।
टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने ‘लव-जिहाद’ पर कसा ताना
तृणमूल (टीएमसी) कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां ने ‘लव-जिहाद’ के मामले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “‘प्यार बहुत ही व्यक्तिगत मामला है। हमें कोई नहीं बता सकता है कि किससे प्यार करना है और किससे शादी करना है।” वह बीजेपी को नसीहत देते हुए कहती हैं कि “लव-जिहाद साथ-साथ नहीं चलते। यह पर्सनल है। धर्म को राजनीति का साधन नहीं बनाना चाहिए। कोई हमें यह नहीं बता सकता कि क्या खाना चाहिए, क्या पहनना है,किससे प्यार करें और किससे शादी करें?
‘लव-जिहाद’ का अगर किताबी तौर पर अर्थ समझा जाये तो इसका मतलब होता है जब एक धर्म विशेष को मानने वाले दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उस लड़की का धर्म परिवर्तन करवा देते हैं तो इस पूरी प्रक्रिया को लव जिहाद कहा जाता है। अब यहां सरकार द्वारा लव-जिहाद को लेकर कानून प्रस्तवित करने की पूरी तरह तैयारी हो चुकी है। सवाल यही रहेगा कि प्रस्तावित होने वाला कानून कितना कारगार साबित होगा क्यूंकि कानून तो कई बनते हैं लेकिन कानून को निभाते हुए ना तो सरकार दिखती है और ना ही आम जनता।
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