बांदा: राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत खरपका-मुंहपका बीमारी का निःशुल्क टीकाकरण अभियान को हरी झंडी डीएम अमित कुमार बंसल ने दिखा दी है। ये वाहन गांव गांव जाकर पशुओं की इन बीमारियों से बचाव के लिए निःशुल्क टीकाकरण करेंगे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य:
कार्यक्रम में अधिक से अधिक पशुओं को टीकाकरण करना है जिसमें मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर के पैर की बीमारी (FMD) शामिल हैं। इसका उद्देश्य ब्रुसेलोसिस बीमारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में सालाना 36 मिलियन महिला गोजातीय बछड़ों का टीकाकरण करना है।
कार्यक्रम के दो भाग हैं: –
- 2025 तक बीमारियों पर नियंत्रण करना
- 2030 तक एफएमडी को खत्म करना
एफएमडी और ब्रुसेलोसिस:
एफएमडी और ब्रुसेलोसिस रोग पशुधन गाय-बैल, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर आदि में बहुत आम हैं। अगर गाय / भैंस एफएमडी से संक्रमित हो जाती है, तो दूध का नुकसान 100% तक हो जाता है जो चार से छह महीने तक रह सकता है। यदि यह ब्रुसेलोसिस से प्रभावित है, तो पशु के पूरे जीवन चक्र के दौरान दूध का उत्पादन 30% तक कम हो जाता है।
ब्रुसेलोसिस भी जानवरों के बीच बांझपन का कारण बनता है। ब्रुसेलोसिस का संक्रमण खेत श्रमिकों और पशुधन मालिकों को भी प्रेषित किया जा सकता है। दोनों बीमारियों का दूध और अन्य पशुधन उत्पादों के व्यापार पर सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए इस समय जरूरी हो जाता है कि पशुओं का समय से इलाज हो सके।