जिला वाराणसी में इस मौसम में लोग बड़ी जोन्हरी यानी भुट्टा बड़े स्वाद से खाते हैं। यह 30 से 15 रुपये किलो के भाव बिकता है।
यहां के लोगों का कहना है कि अब लोग यह बहुत कम खाते हैं। पहले तो इसमें अलग-अलग स्वाद आता था। लेकिन अब वक्त के साथ इतना बदलाव आया कि पहले जैसा स्वाद नहीं रहा। लोगों के अनुसार पहले ये हर घर में मिलता था।
इसकी खेती होती थी तो यह तीन महीने में तैयार हो जाता था। घरों में इसका भात ( चावल), गोठा और लड्डू बनाया जाता था। इसे अगर ठेले से खरीदो तो 15 रुपये में दो किलो भी नहीं मिल पाता।
शांति का कहना है कि उन्होंने पहले भी भुट्टा खाया है और आज भी खाती हैं। लेकिन बच्चे नहीं खाते। लोग इसे भूज कर भी खाते थे। लेकिन आज यह 15 रुपये में सिर्फ एक ही मिलता है इसलिए सिर्फ मन के लिए वह लोग एक ही खा लेते हैं। इससे ज़्यादा नहीं खा पाते।
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