पानी की समास्या गर्मियों के मौसम में संघीन हो गयी है। ऐसे में कचहरी परिषद में लोगों की प्यास बुझाने के लिए प्याऊ लगाया गया है लेकिन अब उसमें भी पानी नहीं है। वैसे तो प्याऊ निःशुल्क है लेकिन जब पानी ही नहीं तो निःशुल्क होना न होना, फ़र्क नहीं पड़ता।
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