वाराणसी जिले के चोलापुर ब्लॉक के कम्पोजिट विद्यालय, नियारडीह में रसोईया का कहना है कि वे अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए स्कूल में खाना बनाने का काम करती हैं। इससे जो वेतन मिलता है, उसी से उनका परिवार चलता है। पिछले छः महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है। महिलाओं का कहना है, “हमारे पास कोई अन्य काम नहीं है, हम रोज़ कमाकर खाने वाले लोग हैं। अगर छः महीने से वेतन नहीं मिला है, तो हमारा घर कैसे चलेगा? आर्थिक स्थिति पहले से ही ठीक नहीं है और बिना वेतन के हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।
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