वाराणसी जिले के ग्राम सभा लेढुपुर के कुछ लोगों का आरोप है कि प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के तहत विधायक कैलाश नाथ सोनकर द्वारा कई लोगों के नाम पर लोन लिया गया है, ऐसा लोगों ने उन आरोप लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार, लोगों के पास कोई कागज़ात या सबूत नहीं है जो ये साबित कर सके कि विधायक द्वारा पैसे निकाले गए हैं।
ऋणकर्ताओं का आरोप है की गांव का यह मामला 2018 का ह। कई लोगों से झूठा झांसा देकर गांव के कैलाश नाथ सोनकर और ज्ञानचंद्र सोनकर द्वारा हम सभी से कागज़ पर सिग्नेचर कराकर हमारे नाम पर लोन लिया गया है। ऐसा कहा गया कि हम आपको रोजगार दिलाएंगे, आप लोन ले लीजिये ‘यूनियन बैंक’ द्वारा तो हम लोग उनके लालच में आकर कागज पर सिग्नेचर कर दिया। किसी का दस लाख है तो किसी का 20 लाख है तो किसी का 15 लाख है। उसके कई साल बाद यानी 2022 हमने उन से कागज के बारे में जानकारी मांगी और पैसे लेकिन उन्होंने देने से इंकार कर दिया। हमें लगा कि ये तो झूठा लोन है, हमें फंसाया गया है। इसके बारे में फिर हम लोगों ने बैंक में जाकर जानकारी ली। उसके बाद ये मामला इलहाबाद हाईकोर्ट तक चला गया है। इसमें अभी जांच चल रही है। हमें न्याय चाहिए और जिसने लोन दिलाया है उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट के एडवोकेट महेश नारायण सिंह ने बताया कि यह मामला बहुत पुराना है। इसकी जांच चल रही है। अभी तक कुछ कहा नहीं जा सकता कि कौन सही है, कौन गलत क्योंकि लाभार्थियों के पास कुछ भी डॉक्युमेंट नहीं है जिस से वे प्रूफ कर सकें लेकिन इनकी रिपोर्ट लिखी गयी है। उसके आगे जांच होगी, उसके बाद ही कार्यवाही की जा सकती है।
यूनियन बैंक के बैंक मैनेजर ने ऑफ़ कैमरा बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी है। मामला 2016-17 का है। ऋणकर्ताओं के पास कुछ डॉक्युमेंट नहीं है कि वो लोग साबित कर सकें लेकिन ये बात सच है कि लोन उन्हीं के नाम से लिया गया है और बैंक की तरफ से उनके घर नोटिस भी गया था। अब ये मामला हाईकोर्ट से चल रहा है, वहीं से जानकारी प्राप्त हो सकती है।
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