भट्टे पर काम करने वाले करीब 25 मजदूरों का आरोप है कि कोटेदार अंगूठा तो लगवाता है, लेकिन राशन नहीं देता। कई बार शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। गरीब, अशिक्षित होने के कारण उन्हें बार-बार दौड़ाया जा रहा है। जब सरकार हर गरीब तक राशन पहुँचाने की बात करती है, तो सवाल उठता है — फिर इन मेहनतकशों का हक कौन खा रहा है?
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