वाराणसी (भेलूपुर थाना क्षेत्र): वाराणसी जिले के भेलूपुर थाना क्षेत्र स्थित भदैनी में एक ही परिवार के चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। यह घटना कल 5 नवंबर 2024 की है। मृतकों में लक्ष्मी नारायण जो एक रिक्शा चालक थे, उनके दो बेटे राजेंद्र और कृष्ण और उनकी पत्नी नीतू शामिल हैं।
रिपोर्ट – सुशीला, लेखन – सुचित्रा
लक्ष्मी नारायण अपने परिवार के साथ भदैनी स्थित एक तीन मंजिला मकान में रहते थे। उनका रिक्शा स्टैंड था, जिसे बाद में उन्होंने एक शराब ठेके के लिए किराए पर दे दिया था। उनका बड़ा बेटा राजा मानसिक रूप से बीमार था, जबकि राजेंद्र और कृष्ण इस ठेके की देखरेख करते थे। हालांकि, राजेंद्र अपने पिता से संपत्ति के आधे हिस्से की मांग कर रहा था, जिससे घर में विवाद बढ़ गया।
सम्पति बंटवारे को लेकर था विवाद
खबर लहरिया की रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र अपने पिता से संपत्ति का बंटवारा चाहता था, लेकिन लक्ष्मी नारायण ने मना कर दिया था। इस विवाद के चलते राजेंद्र ने अपराधियों से मिलकर रात के समय अपने परिवार के सदस्यों को गोली मारकर हत्या कर दी। राजेंद्र के छोटे भाई कृष्ण ने भी संपत्ति के बंटवारे का विरोध किया था, जिसे लेकर राजेंद्र और कृष्ण के बीच तनाव और बढ़ गया था। हालांकि राजेंद्र की भी हत्या हो गई।
सम्पति पर कब्जे की चाहत
राजेंद्र का पहला विवाह हुआ था, लेकिन उसने नीतू नाम की महिला से प्रेम विवाह किया था, जिससे उसकी पहली पत्नी और परिवार वाले नाराज हो गए थे। इसके कारण नीतू के पिता ने वाराणसी छोड़ दिया था और परिवार के बीच विवाद बढ़ता गया।
राजेंद्र की मां शारदा ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे और उसके साथी अनिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। कुछ दिनों बाद, राजेंद्र गिरफ्तार हो गया था। हालांकि, हथियारों से संबंधित सही सबूत न मिलने के कारण उसे एक साल की सजा काटनी पड़ी। जेल से बाहर आने के बाद, राजेंद्र ने पूरी संपत्ति पर कब्जा कर लिया। इसके बाद, उसने रिक्शा चलाना जारी रखा और पुराने मकान को नया बनवाकर उसमें किराएदारों को भी रखा।
परिवार के सदस्यों की जानकारी
बड़े बेटे, 25 वर्षीय नमन, पढ़ाई के साथ-साथ एक अच्छे खिलाड़ी भी थे। उनके पास कई ट्रॉफियां थीं, जो उनकी मेहनत और खेल में सफलता को दर्शाती थीं। वर्तमान में, वह बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। छोटा बेटा शिवेंद्र उर्फ छोटू 15 साल का था जो , दिल्ली पब्लिक स्कूल में छठी कक्षा के छात्र थे।
पत्नी, 45 वर्षीय नीतू, ने प्रेम विवाह किया था और उनकी 17 वर्षीय बेटी गौरी दिल्ली पब्लिक स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्रा थी। गौरी पढ़ाई में होनहार थीं और अपनी शिक्षा पर पूरा ध्यान देती थीं।
पुलिस का शक पति पर
मां नीतू और उसके दो बेटों और एक बेटी के शव मिलने के बाद पुलिस को सबसे अधिक शक नीतू के पति राजेंद्र गुप्ता पर था। हालांकि, बाद में राजेंद्र का शव रोहनिया के रामपुर लाठियां स्थित उसके निर्माणाधीन मकान जो की 15 किलोमीटर की दूरी पर मिला, और उसके सीने पर गोली के निशान पाए गए।
राजेंद्र के पास पैसों की कोई कमी नहीं थी, लेकिन वह अपने आस-पास के लोगों से बिल्कुल नहीं मिलता था, और यहां तक कि पड़ोसियों को भी राजेंद्र के परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी।
रामपुर लाठियां के स्थानीय निवासियों ने बताया कि तीन साल पहले राजेंद्र ने करीब 5 बीघा जमीन खरीदी थी, और उस पर मकान बना रहा था। मकान के बाहर पुलिस ने मोबाइल नंबर लिखा हुआ पाया, और एक स्कूटी भी खड़ी थी, जिसके पास मृतक का मोबाइल फोन पड़ा हुआ था।
पुलिस जाँच जारी
वाराणसी पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में यह मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा लगता है, लेकिन पूरी घटना की जांच की जा रही है।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और वाराणसी के जिलाधिकारी (डीएम) एस. राजलिंगम मौके पर पहुंचे और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
प्रशासन का कहना है कि यह मामला बहुत पेचीदा है और अभी कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता। जांच के बाद ही हत्या के कारणों का खुलासा होगा। फिलहाल, प्रशासन इस घटना के पीछे के असली कारणों का पता लगाने में जुटी है।
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