खबर लहरिया Blog वाराणसी: एक ही परिवार के पांच लोगों की गोली मारकर हत्या, प्रशासन जांच में जुटी

वाराणसी: एक ही परिवार के पांच लोगों की गोली मारकर हत्या, प्रशासन जांच में जुटी

खबर लहरिया की रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र अपने पिता से संपत्ति का बंटवारा चाहता था, लेकिन लक्ष्मी नारायण ने मना कर दिया था। इस विवाद के चलते राजेंद्र ने अपराधियों से मिलकर रात के समय अपने परिवार के सदस्यों को गोली मारकर हत्या कर दी। राजेंद्र के छोटे भाई कृष्ण ने भी संपत्ति के बंटवारे का विरोध किया था, जिसे लेकर राजेंद्र और कृष्ण के बीच तनाव और बढ़ गया था। हालांकि राजेंद्र की भी हत्या हो गई।

                                                                                                                    मामले की जाँच करती पुलिस की तस्वीर (फोटो साभार – खबर लहरिया)

रिपोर्ट – सुशीला, लेखन – सुचित्रा

वाराणसी (भेलूपुर थाना क्षेत्र): वाराणसी जिले के भेलूपुर थाना क्षेत्र स्थित भदैनी में एक ही परिवार के पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। पुलिस को मंगलवार 5 नवंबर 2024 को 112 (पुलिस हेल्पलाइन) के द्वारा सूचना मिली थी कि बीवी और तीन बच्चों की मौत हो गई। पुलिस को शक पहले राजेंद्र पर था कि अपनी बीवी और तीनों बच्चों की हत्या उसी ने की है लेकिन बाद में उसका शव भी पुलिस को मिला। मृतकों में पत्नी नीतू (45) और उनके तीन बच्चे नवनेंद्र गुप्ता (25), शुभेंद्र गुप्ता (15) और गौरांगी गुप्ता (17) के शव उनके घर में मिले जबकि राजेंद्र (पति) का शव घर से 15 किलोमीटर दूर बन रहे नए मकान में मिला। पुलिस मामले की जाँच कर रही है।

लक्ष्मी नारायण अपने परिवार के साथ भदैनी स्थित एक तीन मंजिला मकान में रहते थे। उनके घर में 20 किराएदार रहते थे। उनका रिक्शा स्टैंड था, जिसे बाद में उन्होंने एक शराब ठेके के लिए किराए पर दे दिया था। उनका बड़ा बेटा राजा मानसिक रूप से बीमार था, जबकि राजेंद्र और कृष्ण इस ठेके की देखरेख करते थे। हालांकि, राजेंद्र अपने पिता से संपत्ति के आधे हिस्से की मांग कर रहा था, जिससे घर में विवाद बढ़ गया।

सम्पति बंटवारे को लेकर था विवाद

खबर लहरिया की रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र अपने पिता से संपत्ति का बंटवारा चाहता था, लेकिन लक्ष्मी नारायण ने मना कर दिया था। इस विवाद के चलते राजेंद्र ने अपराधियों से मिलकर रात के समय अपने परिवार के सदस्यों को गोली मारकर हत्या कर दी। राजेंद्र के छोटे भाई कृष्ण ने भी संपत्ति के बंटवारे का विरोध किया था, जिसे लेकर राजेंद्र और कृष्ण के बीच तनाव और बढ़ गया था। हालांकि राजेंद्र की भी हत्या हो गई।

सम्पति पर कब्जे की चाहत

राजेंद्र का पहला विवाह हुआ था, लेकिन उसने नीतू नाम की महिला से प्रेम विवाह किया था, जिससे उसकी पहली पत्नी और परिवार वाले नाराज हो गए थे। इसके कारण नीतू के पिता ने वाराणसी छोड़ दिया था और परिवार के बीच विवाद बढ़ता गया।

राजेंद्र की मां शारदा ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे और उसके साथी अनिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। कुछ दिनों बाद, राजेंद्र गिरफ्तार हो गया था। हालांकि, हथियारों से संबंधित सही सबूत न मिलने के कारण उसे एक साल की सजा काटनी पड़ी। जेल से बाहर आने के बाद, राजेंद्र ने पूरी संपत्ति पर कब्जा कर लिया। इसके बाद, उसने रिक्शा चलाना जारी रखा और पुराने मकान को नया बनवाकर उसमें किराएदारों को भी रखा।

पारिवारिक कलह वजह

पुलिस उपायुक्त (वाराणसी) गौरव बंसवाल ने कहा कि राजेंद्र गुप्ता की मां ने कहा कि पिछले कुछ सालों से परिवार में विवाद चल रहा था। उन्होंने बताया शायद ये उसी का नतीजा हो सकता है।

परिवार के सदस्यों की जानकारी

परिवार में राजेंद्र अपने परिवार में नीतू पत्नी और तीन बेटों के साथ रहता था। रामपुर लाठियां के स्थानीय निवासियों ने बताया कि तीन साल पहले राजेंद्र ने करीब 5 बीघा जमीन खरीदी थी, और उस पर मकान बना रहा था। राजेंद्र के पास पैसों की कोई कमी नहीं थी, लेकिन वह अपने आस-पास के लोगों से बिल्कुल नहीं मिलता था, और यहां तक कि पड़ोसियों को भी राजेंद्र के परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी।

बड़े बेटे, 25 वर्षीय नमन, पढ़ाई के साथ-साथ एक अच्छे खिलाड़ी भी थे। उनके पास कई ट्रॉफियां थीं, जो उनकी मेहनत और खेल में सफलता को दर्शाती थीं। वर्तमान में, वह बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे।

छोटा बेटा शिवेंद्र उर्फ छोटू 15 साल का था जो , दिल्ली पब्लिक स्कूल में छठी कक्षा के छात्र थे और 17 वर्षीय बेटी गौरी दिल्ली पब्लिक स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्रा थी। गौरी पढ़ाई में होनहार थीं और अपनी शिक्षा पर पूरा ध्यान देती थीं।

राजेंद्र पर पहले भी मामले दर्ज

पुलिस ने यह भी बताया कि 1997 में राजेंद्र पर उसके पिता (लक्ष्मी नारायण), छोटा भाई कृष्णा व उसकी पत्नी मंजू और चौकीदार की हत्या से जुड़े आरोप दर्ज किए गए थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “जमानत पर रिहा होने से पहले वह जेल में भी रहा था।”

शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा

वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और वाराणसी के जिलाधिकारी (डीएम) एस. राजलिंगम मौके पर पहुंचे और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

मकान के बाहर पुलिस ने मोबाइल नंबर लिखा हुआ पाया, और एक स्कूटी भी खड़ी थी, जिसके पास मृतक का मोबाइल फोन पड़ा हुआ था। वाराणसी पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में यह मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा लगता है, लेकिन पूरी घटना की जांच की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि यह मामला बहुत पेचीदा है और अभी कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता। जांच के बाद ही हत्या के कारणों का खुलासा होगा। फिलहाल, प्रशासन इस घटना के पीछे के असली कारणों का पता लगाने में जुटी है।

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