जिला वाराणासी में ब्लाक चिरईगांव सारदा सहायक नहर में चार दर्जन से अधिक मृत पशु नहर में तराए दिखे जिसकी खोज खबर प्रसासन या किसी विभाग को न थी जैसे ही विभाग से इसके बारे में बात की गई विकास खण्ड अधिकारी विजय अस्थाना से तो बताये की जानकारी तो नही है पर हम मौके पर जा देख रहे हैं दुसरे ही दिन 14/1/2020 को सारे अधिकारी पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हो गया।
खण्ड विकास अधिकारी चिरईगांव विजय कुमार अस्थाना मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी दो वी बी सिंह पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आर ए चौधरी सहित अन्य विभागीय कर्मी मौके पर पहुँच गए।पुलिस चौकी प्रभारी चिरईगांव अपनी लाज बचाने को मातहतों के संग पहुचे।चार घण्टे से अधिक समय तक आलाअधिकारी जेसीबी मशीन के आने का इंतजार में बैठे रहे।लगभग दो बजे दोपहर के समय जेसीबी मशीन मौके पर पहुंची।
उसके बाद गोवंशों का शव निकालकर किनारे गड्ढा खोदकर गाड़ने का कार्य शुरू हुआ।जो देर शाम तक चलता रहा।नहर में गोवंशों शव दिखने का मामला तरया पियरी मुडली खरगीपुर बराई सहित अन्य गावों के सामने गांवों में भी है।गोवंशों के मरने के कारण के बारे में सीबीओ कुछ भी कहने से इनकार किया।पशु चिकित्सा अधिकारी आर ए चौधरी ने बताया कि नहर में उतराए शवों में गोवंशों के साथ सुअर और कुत्ते भी थे।सारे के सारे आदेश बेअसर, अन्ना पशु मिलेंगे हर गांव हर शहर!
वही आस पारस के लोगों राजकिशोर प्रसाद दुबे विधा देवी आशा देवी का कहना था की नहर बनी नाला पानी हुआ काला ये मृत पशु लगभग 15 दिन से पढे थे इस सारदा सहायक नहर का अगर इसे हटाया नही गया होता तो बहुत जल्दी पुरे गांव मे बिमारी फैल जाती ओर पानी काला हो गया है।यही नहीं नहर की स्थिति यह है कि में सीवर नाले में बदल गई है।नहर में जगह जगह जलकुंभी और अन्य जलीय घास जमे हुए हैं।नहर में जबसे एसटीपी गोइठहां को शोधित मलजल छोड़ा जा रहा है।तब से नहर के पानी की स्थिति यह हो रही है।नहर में एसटीपी के पानी छोड़ने से उत्पन्न हो रही समस्याओं से किसानों ने जिलाप्रशासन को अवगत भी कराया।लेकिन पानी की जांच से आगे नहीं बढ़ी।वही मौके पर पहुचे चौकी प्रभारी चिरईगांव आनंद का कहना हैं कि ये तो फालतु काम है कही से बह कर आ गया।