कोरोना महमारी की वजह से एक तरफ जहां लोग एक-दूसरे से दूर भाग रहे हैं। एक-दूसरे के पास आने तक से डर रहे हैं। आज जहां लॉकडाउन की वजह से हर गाँव और शहर बंद है। वहां इंसान तो अपना गुज़ारा किसी तरह से कर रहा है। लेकिन जानवरों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है। आखिर उनकी देखभाल करे भी तो कौन? वो सड़क पर जो रहते हैं। उनकी फ़िक्र कौन ही करेगा ? वहीं यूपी के जिला वाराणसी में रहने वाले अंकित कुमार इन सब बातों को न सोचते हुए जानवरों की मदद करने का काम कर रहे हैं। जिनकी तरफ आज कोई भी ध्यान नहीं दे रहा।
बनारस हिन्दू विश्विद्यालय के छात्र अंकित कुमार बेज़ुबा जानवरों के लिए सहारा बनकर सामने आये हैं। उनका कहना है कि जब भी वह रास्ते से गुज़रते हैं तो जानवर उनके आस-पास घूमते दिखाई देते हैं। उन्हें लगा कि शायद वह भूखें हैं। उन्हें खाने की ज़रुरत है। उसी दिन से हर रोज़ वह उन जानवरों के लिए कुछ न कुछ खाने के लिए लेकर जाते हैं। अंकित का कहना है कि जब तक दुकान-बाज़ार खुल नहीं जाते। तब तक वह जानवरों को खाना खिलाते रहेंगे।