कोरोना काल मे हर इंसान अपनी रोज़ी-रोटी खो चुका है ऐसे में सबसे ज़्यादा असर उन लोगों पर पड़ा है जो मजदूर वर्ग के हैं, जिन्हें रोज कमा कर परिवार का पेट पालना होता है। या फिर अकेले घर चलाने वाली महिलाएं, विधवा जिनका कोई दूसरा सहारा नहीं है, इन सभी लोगों का अब लॉकडाउन में गुज़ारा कर पाना मुश्किल हो गया है। कोरोना वायरस ने हर तरह से सब को तोड़ दिया है। पिछले साल 2020 में जब कोरोना की पहली लहर आई थी तब लोगों ने बढ़ चढ़कर एक दूसरे की मदद की, राशन बांटा, खाना बांटा और तरीके से बेसहारा परिवारों की मदद करने की कोशिश की लेकिन कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर के दौरान लोगों में डर और भय इतना ज्यादा बैठ गया कि लोगों ने एक दूसरे की मदद करने के बजाय सबसे दूरियां बना लीं।
लेकिन इन स्थितियों में भी वनांगना संस्था गरीबों और बेसहारा महिलाओं के मदद के लिए तत्पर दिखी। संस्था ने लोगों को राशन दिया काढ़े का सामान दिया, मसाले दिए और जो भी जरूरत की चीजें थी वो उन गरीब लोगों को दिया जिनको वास्तव में जरूरत थी और जिनकी तरफ न प्रशासन देखता है न ही कोई समाजसेवी। वनांगना संस्था ने विधवा, एकल विकलांग एवं गरीब लोगों को राशन किट भी बांटी। यह काम लगभग 3 महीने से चल रहा है। संस्था ने निरंतर और खबर लहरिया के साथ मिलकर कुछ हेल्पलाइन नंबर भी जारी किये हैं जिसकी मदद से गरीब लोग अपनी परेशानी इस नंबर पर कॉल करके बता सकते हैं।
कर्वी का हेल्पलाइन नंबर है: 7307788910
बांदा का हेल्पलाइन नंबर है: 7307770294
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