हमारी सरकार न तो कभी युवाओं को लेकर चिंतिंत रही है और न अभी हो रही है। जब से हमारे देश मे सरकार बदली है, तब से न तो युवाओं के लिए कोई बैकेन्सी निकली है और अगर निकली भी है तो वह या तो कैंसिल हो गयी है, या कोर्ट में अटक गई है।
शेखर प्रजापति ने बताया कि मैं टीचर की तैयारी कर रहा था।पर अब तो लॉक डॉन हो गया जिसके वजह से सरकार का बजट खत्म हो गया है जिससे अब कुछ सालों तक इंनतजार करना पड़ेगा अभी कुछ सालों तक सरकारी नॉकरी के लिए कोई जगह नही निकलेगी । हमारे घर मे कोई नौकरी नही कर रहा है थोडी थोड़ी पैसा जोड़ा था जिससे हमने पढ़ाई में लगा दिया अब हमारे पास पैसा भी नही है और काम भी नही है।
अंकित ने बताया कि वह रेलवे की तैयारी कर रहा था। और खुद काम करता था जिससे कि वह उस पैसे से पढ़ाई कर पाए । पर अब वह तहत ज्याद मायूस नजर आ रहा है। क्यो की अब वह बोल रहा है कि लंबे समय तक सरकारी नौकरी नही निकलनी है तो मैं अब क्या करुगा गया क्यो की जितना मैं कमाता था वो पैसा मैने पढ़ाई में खर्च कर दिया अब मेरे पास पैसा भी नही है।
राजकुमार ने बताया कि उसका दो साल पहले नर्सिंग की कोर्स पूरा हो गया था। कुछ दिन तक प्रैक्टिस किया। ये था कि सरकारी नौकरी लग जायेगी तो अच्छा होगा। घर में काम था तो घर आ गए थे। उसके बाद ये बीमारी फैल गई। अगर खुलेगा और कोई बैकेन्सी निकलेगी तो ट्राय करेंगे। नही तो कोई छोटी सी दुकान डाल लेंगे किसी चीज की। हमारे पास ज्यादा बजट तो है नही की कोई बड़ा बिजनेस कर सके।
जिला सेवा नियोजन अधिकारी राम मूर्ति ने बताया कि जिले में बेरोजगारों की संख्या करीब 15 हजार है। जो पोर्टल में है वह 11 हजार 3 सौ 75 है। इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। जिले में रोजगार मेले का आयोजन कराते रहते है। बाहर सेकंपनियों को बुलाते है। जिससे लोगो को रोजगार मिल सके।