उत्तराखंड में बादल फटने की घटना लगातार देखी जा रही है। रुद्रप्रयाग के तहसील बसुकेदार क्षेत्र के अंतर्गत बरेठ डूंगर और चमोली के देवाल क्षेत्र में हुई है। मलबे में कई लोगों की फंसे होने की खबर सामने आई है।
उत्तराखंड में भारी बारिश और बाढ़ का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और चमोली में बदल फटने की खबर आई है। बादल फटने की घटना ने उत्तराखंड में हड़कंप मचा रखा है।
कई परिवार मलबे पर दबे
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के चमोली के देवाल क्षेत्र में बादल फटने की वजह से कई परिवारों के मलबे में दबने की जानकारी है। 28 अगस्त 2025 को बादल फटने से पति-पत्नी लापता हैं और दो लोग घायल हो गए। साथ ही 20 मवेशी मलबे में दबे हुए हैं। वहीं टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव पर भी बादल फटा है। गनीमत यह रही कि यहां किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग में भी बादल फटा है। यहां जखोली ब्लॉक के छेनागाड़, बांगर सहित कई जगहों पर व्यापक नुकसान हुआ है। ऐसे में यातायात भी प्रभावित हो गया। चमोली पुलिस ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए अवरुद्ध स्थानों की जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, “चमोली में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है. इनमें नंदप्रयाग, कमेड़ा, भनेरपानी, पागलनाला, जिलासू के पास मार्ग शामिल हैं।”
चमोली जिले के कई स्कूल बंद
चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश ने वहां का हालत बिगाड़ दिया है। सूत्रों के अनुसार डीएम ने बताया कि स्थिति पर नजर रखने के लिए तहसील प्रशासन की टीम मौके पर भेज दी गई है। मौसम को देखते हुए 29 अगस्त 2025 को जिले से सभी विकासखंडों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। बारिश से देवाल में कई जगह सड़कें टूट गई है और आवाजाही प्रभावित हो गई है। इस इलाके में रातभर से हो रही बरसात से लोग डरे हुए हैं।
रुद्रप्रयाग में भूस्खलन से बंद हाईवे, ग्रामीण रास्ते भी ठप
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। देर रात से जारी बरसात की वजह से गौरीकुंड-रुद्रप्रयाग-ऋषिकेश और बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर बंद हो गया है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जबकि जगह-जगह भूस्खलन से सड़कें मलबे से भर गई हैं। कई वाहन फंसे हुए हैं और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। कालीमत घाटी और बेसन केदार क्षेत्र में भी तेज बारिश दर्ज की गई है। गंगोत्री नेशनल हाईवे पर नालू पानी, नालूणा, चाडेथी, पापड़ गाड़ और नेताला समेत कई जगह भारी मलबा और पत्थर आने से आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। इसके अलावा दर्जनभर से ज्यादा ग्रामीण सड़कें भी रुका हुआ है।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री की इस घटना पर प्रतिक्रिया
बताया जा रहा है कि आवास के पास मौजूद गौशाला मलबे में दब गई है, जिसमें लगभग 15 से 20 जानवर दबने की सूचना है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, जनपद रुद्रप्रयाग के बसुकेदार क्षेत्र के बड़ेथ डुंगर तोक और चमोली जिले के देवाल क्षेत्र में बादल फटने से मलबा आया है। इसकी वजह से कुछ परिवार फंस गए हैं। स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य तेजी से कर रहा है। मैं लगातार अधिकारियों से संपर्क में हूं और आपदा सचिव व जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बचाव कार्य सही तरीके से और तेजी से किए जाएं।”
जनपद रुद्रप्रयाग के तहसील बसुकेदार क्षेत्र के अंतर्गत बड़ेथ डुंगर तोक और जनपद चमोली के देवाल क्षेत्र में बादल फटने के कारण मलबा आने से कुछ परिवारों के फंसे होने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, इस संबंध में निरंतर…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 29, 2025
नदियों का प्रकोप
अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ चुका है। खासकर संगम क्षेत्र में हालात बेहद चिंताजनक हैं। अलकनंदा नदी ने चेतावनी सीमा पार कर ली है जिससे आसपास के रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है।
इस महीने की शुरुआत में उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से 100 से ज़्यादा लापता लोगों की तलाश शुरू हो गई थी। हालांकि उत्तरकाशी और हर्षिल के बीच सड़क संपर्क हाल ही में बहाल कर दिया गया है लेकिन गंगोत्री तीर्थयात्रा अभी भी स्थगित है।
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