उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 नवंबर को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि आने वाले वर्षों में गन्ने से बने ‘जैव-ईंधन’ का इस्तेमाल विभिन्न उद्योगों को चलाने के लिए राज्य में व्यापक के रूप में किया जाएगा।
योगी का कहना है कि केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार के प्रयासों के चलते, पिछले 4 वर्षों में विदर्भ क्षेत्र के हजारों किसानों के जीवन में काफी सुधार आया है।
उनका ये भी कहना है कि इस इंधन के उपयोग से देश की अर्थव्यवस्था में भी काफी सुधर लाया जाएगा।
“पिछले 15-20 वर्षों में राज्य सरकार पर शासन करने वाली सरकारों ने किसानों और गरीबों के लिए आज तक कोई भी काम नहीं किया है। जबकि हमारी सरकार के तहत 121 गन्ने के कारखाने चलाये गए हैं और साथ ही में सरकार ने किसानों के 40,000 करोड़ रूपए के बिल पर भी छूट प्रदान की है”, ऐसा योगी का कहना है।
“विदर्भ क्षेत्र के किसानों को पिछले शासनों की उदासीनता और योजनाओं को लागू करने में उनकी विफलता के कारण आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया था। जबकि बीजेपी ने केंद्र और राज्य में लगभग चार साल पहले सत्ता में आने के बाद से ही सुधार कार्य शुरू दिए थे”, ऐसा आदित्यनाथ द्वारा बताया गया है।
उन्होंने कृषि मंत्री और परिवहन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों की भी काफी सराहना की है। उनका लक्ष्य किसानों को कृषि में नवीनतम प्रथाओं के बारे में सूचित करना है ताकि इसे, एक लाभकारी और आकर्षक पेशा बनाया जा सके। उनके 10वें लक्ष्य का विषय “नई प्रौद्योगिकियों से किसानों को जोड़ना” रखा गया है।