उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को आवारा पशुओं की उचित देखभाल के लिए शहरी और ग्रामीण नागरिक निकायों के तहत अस्थायी गौवंश आश्रयों को स्थापित करने और चलाने की योजना को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य मंत्रिमंडल की बैठक ने इस योजना को मंजूरी देते हुए कहा कि इसके लिए अब “गौ कल्याण उपकर” भी लगाया जाएगा।
सरकारी अधिकारी के अनुसार सभी गांवों, पंचायतों, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों और नगर निगमों में अस्थायी गौशालाएं खोली जाएंगी। उनका ये भी कहना है कि इन गौशालाओं का निर्माण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से किया जाएगा।
प्रत्येक जिले में, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में, 1,000 पशुओं की न्यूनतम क्षमता वाली एक गौशाला का निर्माण किया जाएगा और इसके लिए आबकारी, मंडी परिषद, लाभदायक निगमों और अन्य पर कुल 2 प्रतिशत “गौ कल्याण उपकर” लगाया जाएगा।
बताया जा रहा है कि किसान अब तेज़ी से आधुनिकता की तरफ बढ़ रहे हैं। जिसके लिए सरकार उन्हें हर सुविधा प्राप्त कराने के लिए प्रयास कर रही है। सरकारी अधिकारीयों के अनुसार इस नई नीति के चलते इन आवारा पशुओं पर ध्यान दिया जाएगा और संबंधित विभाग बेहतर परिणाम के लिए समन्वय में राज्य सरकार के भी साथ काम करेगा।
पशुपालन विभाग का समर्थन करने के अलावा, ये आश्रय अस्थल एक आत्मनिर्भर मॉडल पर भी काम करेगा।
पिछले हफ्ते, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवारा गायों की उचित देखभाल के लिए तत्काल व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। साथ ही में उन्होंने राज्य के विभिन्न हिस्सों में नए चरागाहों के लिए अवैध अतिक्रमणों को हटाने का भी आदेश जारी किया है।
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में, मुख्यमंत्री ने उन्हें आवारा गायों को बेहतर आश्रय सुविधाएं प्रदान करने के उपायों पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने के लिए कहा और मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे को एक सप्ताह के समय में सिफारिशों के साथ उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया। आदित्यनाथ ने कहा कि अतिक्रमण के मामले में, जल्द से जल्द कदम उठाए जाएंगे और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में, राज्य मंत्रिमंडल ने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान विकलांगता के मामले में राज्य पुलिस और अग्निशमन सेवाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति प्रदान करने के लिए अपनी मंजूरी दी।
साथ ही में कैबिनेट ने यूपी विजिलेंस (सतर्कता) की दस इकाइयों को पुलिस स्टेशन का दर्जा देने की योजना को भी मंजूरी प्रदान करी।