उत्तर प्रदेश: बीजेपी नेता चिन्मयानंद द्वारा ख़ुद पर लगे इल्ज़ाम स्वीकार करने के बाद संत की उपाधि वापस ली जा सकती है
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की संत की उपाधि देने वाले उच्चतम संतों की बैठक 10 अक्टूबर को होगी जहां चिन्मयानंद के संत की उपाधि पर निर्णय लिया जाएगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बलात्कार आरोपी चिन्मयानंद पर उतर प्रदेश की विधि की छात्रा द्वारा बलात्कार के आरोप लगाने के बाद संत की उपाधि वापस ली जाएगी, आईएएनएस ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट में कहा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की संतों की उच्चतम कमीटी की बैठक ने शनिवार को काउंसिल से मुलाक़ात के बाद यह निर्णय लिया।
‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की एक औपचारिक बैठक 10 अक्टूबर को हरिद्वार में होगी जहां परिषद के सदस्य इस मुद्दे पर अंतिम अधिकारिक निर्णय लेंगे।’ संगठन के पदाधिकारी महंत नरेंद्र गिरी जी ने बताया। चिन्मयानंद ने दुष्कर्म का आरोप स्वीकार कर लिया है, संत समाज के लिए इससे अधिक शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता। उससे संत की उपाधि वापस ले ली जाएगी जब तक कोर्ट उसे बरी नहीं करता।
बीजेपी नेता, तीन बार लोकसभा से सांसद और अटल बिहारी वाजपेई सरकार में वह मंत्री भी रहे हैं। चिन्मयानंद ने आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ के साथ मिलकर ‘राम मंदिर मुक्ती यज्ञ समिति’ बनाई, अयोध्या मामले में वह सबसे आगे थे।