यूपी सरकार के इस फैसले के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में 20 जुलाई को याचिका दाखिल की जिसमें एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट से इस आदेश को रद्द करने की मांग की है। जिस पर सुनवाई करते हुए 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें कांवड़ रूट पर आने वाले होटलों और ढाबों पर उनके मालिकों के नाम लिखवाए जा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार के अलावा उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर उनसे भी जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में 26 जुलाई को सुनवाई करेगा।
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