चित्रकूट: सड़कों के गड्ढे सुहाने सफर पर ब्रेक लगाने के साथ ही शरीर को जख्म दे रहे हैं। तेज झटका लगने से किसी की कमर तो किसी की गर्दन में दर्द हो रहा है। सड़कें भी अगर विकास का पैमाना हैं तो यहां विकास सड़क के गड्ढों में हिचकोले क्यों खा रहा है।
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साल 2017 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आई तो योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही कैबिनेट की दूसरी बैठक में यह ऐलान किया था कि 15 जून 2017 तक सड़के गड्ढा मुक्त होंगी, लेकिन आज 2022 लगभग बीतने को है पर सड़के अभी तक गड्ढा मुक्त नहीं हो सकीं और उन सड़को में चलने वाले लोगों को कितनी मशक्कत करनी पड़ रही है, ये बात किसी से छुपी नहीं है, इससे साफ पता चलता है कि सरकारे सिर्फ अपना उल्लू सीधा करने के लिए बड़े-बड़े वादे करती हैं, लेकिन वादों पर कितना खरी उतरी है, ये समय और काम खुद बता रहा है।
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यह तो हुई गाँव की सड़कों की बात, आइए अब बात करते हैं हाल ही में बनकर तैयार हुए बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जुलाई को 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का जालौन से शुभारंभ किया था. इस एक्सप्रेसवे को रिकार्ड समय में गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर खूब वाहवाही हुई। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन से 5 दिन बाद हुई हल्की बारिश ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए, क्योंकि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में कई जगह सड़क धंस जाने की खबरें सामने आई हैं।
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