जी मैं बात कर रही हूं पैर छूए की। यूपी के कुछ जिलों में लड़कियों के पैर मां बाप छूते हैं, वहीं लड़की ससुराल आकर अपने सास-ससुर सभी के पैर छूती है। ये प्रथा है बुंदेलखंड की और यूपी के कुछ जिलों की।
बचपन से बुंदेलखंड में मैंने ऐसा ही देखा था मैं जब बनारस गई फैजाबाद की तरफ गई देखा वहां तो बेटियां अपने मां-बाप के अपनी भाभी के अपने से बड़ों के पैर छूती है। यह देखकर मुझे थोड़ा अजीब लगा फिर मैंने सोचा क्यों ना इसने बात की जाए। फिर मैंने बुंदेलखंड वासियों से बात की उन्होंने कहा की बेटियों से पैर छुलाना पाप है हमें बहुत पाप पड़ेगा। हम बहुओं से पैर छुला सकते हैं लेकिन बेटियों से नहीं।
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जब मैंने यह बात सुनी तो मुझे थोड़ा सा सोचना पड़ा कि बेटियां कन्या है तो बहू भी तो कन्या है? बहू बेटी एक समान लोग कहते हैं तो फिर यह दोगलापन क्यों? बहू भी तो बेटी है। फिर मैंने कहा कि मैंने तो देखा है कुछ जिलों में बेटी मां बाप के पैर छूती है और बहू भी अपने सास-ससुर के पैर छूती है वहां तो सब कुछ बराबर है तो फिर यहां क्यों नहीं?
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