उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व अग्निवीरों को राज्य पुलिस बलों में 20 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया।
लेखन – हिंदुजा
अग्निवीर स्कीम को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए पूर्व अग्निवीरों को राज्य पुलिस बल, जिसमें प्रादेशिक आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी (PAC), माउंटेड पुलिस और फायर सर्विस शामिल हैं, में सीधी भर्ती में 20% आरक्षण देने की मंजूरी दी है।सरकार ने यह भी घोषणा की है कि पूर्व सैनिकों की तरह पूर्व अग्निवीरों को भी अधिकतम आयु सीमा में 3 साल की छूट दी जाएगी। यह छूट उनकी सेवा की अवधि के अनुसार लागू होगी
रोज़गार देना है मकसद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना देशभक्ति से भरे युवाओं को सेना, नौसेना और वायुसेना में सेवा करने का मौका देती है।
उन्होंने कहा, “इस फैसले का मकसद यह है कि चार साल की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को अच्छे रोजगार के अवसर मिल सकें। इससे उनके योगदान को सम्मान भी मिलेगा और वे आगे भी देश की सुरक्षा व्यवस्था में हिस्सा ले सकेंगे।”
खन्ना ने ये भी बताया कि अभी तक हरियाणा, ओडिशा जैसे राज्यों और सीआईएसएफ, बीएसएफ जैसी फोर्सेस में 10% आरक्षण है, जबकि यूपी सरकार ने सबसे ज्यादा 20% आरक्षण देने का फैसला किया है। पहले बैच के अग्निवीर 2026 तक भर्ती के लिए उपलब्ध होंगे।
क्षैतिज आरक्षण देने का प्रावधान
यह आरक्षण सभी वर्गों में लागू होगा — सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई अग्निवीर अनुसूचित जाति कैटेगरी से है तो उसे उसी कैटेगरी में आरक्षण मिलेगा।
जब अग्निपथ योजना की शुरुआत हुई थी, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया था कि पूर्व अग्निवीरों को राज्य पुलिस बल में प्राथमिकता दी जाएगी, जिसमें प्रादेशिक आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी यानी PAC भी शामिल है। सरकार का कहना है कि ये कदम पूर्व अग्निवीरों को करियर का मौका देने के साथ-साथ राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगा, क्योंकि ये युवा प्रशिक्षित, अनुशासित और प्रेरित होंगे।
गौरतलब है कि 2022 में केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना शुरू की थी, जिसके तहत युवा सेना, वायुसेना और नौसेना में चार साल के लिए अग्निवीर के रूप में सेवा करते हैं। इसमें 6 महीने की ट्रेनिंग शामिल होती है। सेवा पूरी होने पर 25% अग्निवीरों को परमानेंट किया जाता है, जबकि बाकी 75% को अन्य करियर विकल्प तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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