भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, “अवैध प्रवास अक्सर अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़ा हुआ होता है। यह हमारे लिए न तो अच्छा है और न ही फायदेमंद। अगर हमारे किसी नागरिक को अमेरिका में अवैध पाया जाता है और उसकी नागरिकता की पुष्टि हो जाती है, तो हम उन्हें कानूनन भारत वापस बुलाने के लिए तैयार हैं।”
डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय प्रवासी लोगों को अमेरिकी सैन्य विमान के ज़रिये भारत भेजना शुरू कर दिया है, जिसमें निर्वासित किये गए प्रवासी भी शामिल हैं। निर्वासित अर्थात वे लोग जिन्हें किसी मज़बूरी की वजह से अपना देश छोड़ना पड़ा हो। न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने इसकी जानकारी दी और यह भी बताया कि पिछले महीने, नई दिल्ली ने कहा था कि अगर प्रवासी भारतीय नागरिक के रूप में प्रमाणित होते हैं तो वे उन्हें वापस लेने के लिए तैयार हैं।
अब तक कई अमेरिकी सैन्य विमानों ने प्रवासियों को लेकर ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास की ओर उड़ान भरी है।
बता दें, 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रम्प ने बड़े-बड़े बदलावों को लेकर घोषणा की थी, जिसमें से एक घोषणा प्रवासी लोगों को लेकर थी। वे लोग जो दूसरे देशों से आकर अमेरिका में आ बसे। अब ट्रंप की सरकार सभी प्रवासी लोगों को उनके देशों में वापस भेज रही है जिनके माता-पिता का जन्म अमेरिका की ज़मीन पर नहीं हुआ है।
कितने भारतीय हो सकते हैं अमेरिका से निष्कासित?
ट्रंप की सरकार द्वारा उन लोगों को टारगेट किया जा रहा है जिनके पास अमेरिका में रहने के लिए वैध दस्तावेज़ नहीं है व वे लोग जो अवैध रूप से प्रवासित होकर आये हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक लैटिन अमेरिका के लिए भेजे गए अमेरिकी सैन्य विमानों में उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्हें पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन की प्रशासन द्वारा पकड़ा गया था।
रिपोर्ट बताती है कि तक़रीबन 20,407 भारतीय बिना वैध दस्तावेज़ के घेरे में हैं। इनमें से 17,940 भारतीयों पर ‘अंतिम निष्कासन आदेश’ ज़ारी किया गया है। वहीं 2,467 भारतीय इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्श्योरेंस (ICE) की प्रवर्तन और निष्कासन संचालन (ERO) के तहत हिरासत में हैं।
इसके अलावा सीएनबीसी (CNBC) ने आधिकारिक सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि C-17 सैन्य विमान में लगभग 200 बिना दस्तावेज़ वाले प्रवासी भारत के लिए उड़ान भर रहे थे।
पिउ रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) के 2022 के आंकड़े के अनुसार, 7,25,000 भारतीय प्रवासी बिना अनुमति के अमेरिका में रह रहे थे।
प्रवासियों को भेजने के लिए लाखों का खर्च
प्रवासी लोगों को वापस भेजने के लिए ट्रंप सरकार द्वारा कमर्शियल विमान व सैन्य विमान, दोनों तरह के विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
रॉयटर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अमेरिका इन विमानों पर भारी रक़म खर्च कर रहा है। उदाहरण के लिए, 27 जनवरी को ग्वाटेमाला में उतरने वाले के सैन्य विमान का खर्चा प्रति प्रवासी कम से कम $4,675 (लगभग ₹4,07,000) था व उस विमान में 64 प्रवासी मौजूद थे।
अमेरिकन भारतीय प्रवासियों को अपना सकता है भारत
अमेरिका से भारतीय लोगों के प्रवासन को लेकर भारत की राय यह है कि वह अवैध प्रवासियों को अपनाने के लिए तैयार है लेकिन पूरी तरह से सत्यापन के बाद ही। यह जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रूबियो से मिलने पर दिया था।
विदेश मंत्री ने कहा, “अवैध प्रवास अक्सर अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़ा हुआ होता है। यह हमारे लिए न तो अच्छा है और न ही फायदेमंद। अगर हमारे किसी नागरिक को अमेरिका में अवैध पाया जाता है और उसकी नागरिकता की पुष्टि हो जाती है, तो हम उन्हें कानूनन भारत वापस बुलाने के लिए तैयार हैं।”
भारतीय अमेरिकन प्रवासियों को लेकर ट्रंप की बातचीत पीएम मोदी से भी हुई थी। उस समय पीएम मोदी ने कहा था कि वह सही काम करेंगे — मतलब वे अमेरिका से भारत आने वाले अवैध प्रवासियों को वापस लेने के लिए तैयार हैं।
हालांकि, भारत आने के रास्ते में सत्यापित दस्तावेज़ों से लेकर कई तरह की राजनीति शामिल है। ऐसे में यह प्रवासन का सिलसिला किस तरह से रूप लेगा, यह धीरे-धीरे मालूम होगा।
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