महोबा के जैतपुर गांव में मकान नंबर- 803 में 4271 वोटरों के नाम पहचाने गए हैं। बात पनवाड़ी ग्राम पंचायत की करें तो यहां के वार्ड नंबर 13 बजनापुरा के मकान नंबर 996 में 243 मतदाता जबकि मकान नंबर 997 में 185 मतदाता दर्ज हैं।
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां कुलपहाड़ तहसील की ग्राम पंचायत जैतपुर और ग्राम पंचायत पनवाड़ी में एक ही मकान नंबर पर सौ नहीं बल्कि हजारों मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। आगामी पंचायत चुनाव को लेकर किए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण कार्य के दौरान मामले का खुलासा होने से हड़कंप मच गया। यूपी में इन दिनों 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची का पुनरीक्षण चल रहा है। बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर नाम जोड़ने और सुधार का काम कर रहे हैं।
दरअसल, यूपी राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम चला रहा है। यह कार्यक्रम 20 सितंबर तक चलेगा। इसके तहत आयोग ने AI के जरिए वोटों की पहचान शुरू की है। AI से पहचाने गए बोगस वोटों से संबंधित एरिया के BLO से भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। इसमें महोबा के जैतपुर गांव में मकान नंबर- 803 में 4271 वोटरों के नाम पहचाने गए हैं। बात पनवाड़ी ग्राम पंचायत की करें तो यहां के वार्ड नंबर 13 बजनापुरा के मकान नंबर 996 में 243 मतदाता जबकि मकान नंबर 997 में 185 मतदाता दर्ज हैं। एक साथ दो ग्राम पंचायतों की वोटर लिस्ट में एक ही मकान पर हजारों वोटरों का नाम दर्ज होने का मामला जनपद में सुर्खियां बना हुआ है। वहीं, हकीकत यह है कि इस मकान में रहने वाले कुल 10 लोग ही वोट डाल सकते हैं। इस गांव में कुल वोटरों की संख्या 16 हजार है। गड़बड़ी सामने आने के बाद जांच के लिए आयोग के अधिकारियों ने BLO को मौके पर भेजा।
एक मकान रहते थे दस लोग
हैरानी की बात ये है कि जिस पते पर 4,271 वोटर रजिस्टर्ड हैं, वहां महज 10 लोग रहते हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मामला सामने आने के बाद जांच के लिए आयोग ने अधिकारियों को मौके पर भेजा है। इस मकान नंबर 803 की मालकिन मज्जो बताती हैं कि वो इस मामले से पूरी तरह अनजान थीं कि आखिर उनके घर पर 4,271 वोटर कैसे रजिस्टर हो गए। मज्जो कहती हैं कि पहले, मकान की मालकिन उनकी मां थीं जिनका नाम उजिया था। इसी घर में रहने वाले रशीद कहते हैं कि ये जानकर हम लोग भी हैरान-परेशान हैं। इस मामले की जांच होनी चाहिए। इतने सारे वोटर एक ही मकान नंबर पर कैसे दर्ज हो गए? रशीद कहते हैं कि इतनी मतदाता संख्या तो पूरे वार्ड की नहीं है।
दैनिक भास्कर के रिपोर्ट के अनुसार मकान नंबर-997 के मालिक अरविंद अहिरवार को जब इस बारे में पता चला, तो वह खुद हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि हम BLO साहब से पूछना चाहते हैं कि एक मकान में इतने आदमी कहां से आ गए? सूची में सभी जाति के लोगों के नाम लिखे गए हैं। उनमें मुस्लिम भी हैं और पंडित भी हैं। सभी के नाम लिखे हैं। अगर हम लोग परिवार के पूर्वजों को जोड़ लें, तो भी ये संख्या पूरी नहीं होगी। ऐसे तो कोई भी आकर हमारे मकान पर दावा भी कर सकता है।
पहले भी दिखे ऐसे केस
इससे पहले वार्ड संख्या 13 के मकान नंबर 996 में 185 मतदाता दर्ज पाए गए थे, जबकि उसी वार्ड के मकान नंबर 997 में 243 नाम सूचीबद्ध मिले। मकान नंबर 1702 में भी 29 मतदाता दर्ज हैं। यह आंकड़े देखकर न सिर्फ स्थानीय लोग हैरान हैं, बल्कि भवन स्वामी भी निर्वाचन आयोग की सूची पर सवाल उठा रहे हैं। अपर जिलाधिकारी कुंवर पंकज के अनुसार, 2021 के बाद अब मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम चल रहा है। इसमें पता चला कि पनवाड़ी गांव के कुछ मकानों में असत्यापित रूप से अधिक नाम दर्ज हैं। यह त्रुटि पूर्व में बीएलओ से स्थायी मकान नंबर न मिलने के कारण हुई। जांच में यह पाया गया कि जिनके नाम सूची में दर्ज हैं, वे उसी गांव के निवासी हैं. अब इसके सुधार के लिए मकान नंबरों को क, ख, घ के माध्यम से बांटकर सही किया जाएगा।
अधिकारियों ने क्या कहा –
मामला सामने आने के बाद अधिकारी ने सफाई देते हुए कहा कि यह गड़बड़ी 2021 में हुए मतदाता पुनरीक्षण ए समय लिपिकीय गलती के वजह से हुई थी। पंचायत चुनाव से पहले हर बार मतदाता सूची का पुनरीक्षण होता है और इस समय भी यह काम जारी है। अधिकारियों के मुताबिक कई गांवों में मकान नंबर ही नहीं होते। ऐसे में गलती से कई मतदाताओं के पते पर एक ही मकान नंबर दर्ज हो जाता है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस तरह से पुरानी गलतियों को जल्द ठीक कर लिया जाएगा। मामले को लेकर अपर जिलाधिकारी कुंवर पंकज ने बताया कि 2021 में किए गए मतदाता पुनरीक्षण कार्य के दौरान लिपिकीय त्रुटि हो जाने के चलते एक ही मकान नंबर में कई मतदाताओं के नाम दर्ज कर दिए गए हैं। हालांकि वर्तमान समय में मतदाता पुनरीक्षण कार्य चल रहा है और इस समस्या को जल्द निस्तारित कर लिया जाएगा। ज्यादातर गांव में मकान संख्या न होने के चलते बीएलओ को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी के चलते यह कार्य कर दिया गया होगा।
फिलहाल मतदाता पुनरीक्षण कार्य के दौरान बीएलओ घर-घर जाकर वोटर लिस्ट की जांच कर रहे हैं। वे नए नाम जोड़ रहे हैं और गलत नाम हटा रहे हैं। जल्द ही मतदाता सूची को अपडेट किया जाएगा। साथ ही मामले की जांच कराई जाएगी और जिन कर्मचारियों की लापरवाही पाई जाएगी उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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