यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के साथ होती हिंसाओं से जुड़ी रिपोर्ट।
महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसाएं यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन के साथ भयानक रूप ले रही है। ग्रामीण स्तर के कई मामले दर्ज़ तक नहीं होते। जो मामले दर्ज़ होते हैं तो उसमें पुलिस की लापरवाही देखी जाती है। सिर्फ कुछ ही मामलों में पुलिस द्वारा घटना को लेकर तुरंत कार्यवाही की जाती है और आरोपी को पकड़ा जाता है। कभी ससुराल वालों द्वारा महिला को प्रताड़ित किया जाता है तो कभी रिश्तेदार और पति द्वारा। घरेलू झगड़ों के दौरान महिलाओं की हत्या कर दी जाती है। हम कुछ इन्हीं मुद्दों पर खबर लहरिया द्वारा की गयी रिपोर्टिंग और उससे जुड़े मामलों को आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
महोबा : कुल्हाड़ी से पति ने की पत्नी की हत्या
घटना महोबा जिले के अजनर थाने क्षेत्र की है। 25 जुलाई 2021 को अजनर थाना क्षेत्र के अजनर गांव में रहने वाले गया प्रसाद कुशवाहा ने अपनी पत्नी प्यारी की कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार, पहले पति-पत्नी में विवाद हुआ और उसके बाद आरोपी गया प्रसाद ने अपनी पत्नी प्यारी के गले पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिसके बाद उसकी पत्नी की मौत हो गयी। घटना के बाद गाँव में सनसनी फ़ैल गयी।
माँ-बाप में आये दिन होते थे झगड़े – मृतिका का बेटा
मृतिका चार बच्चों की माँ थी। उसके बेटे दिनेश कुशवाहा ने बताया कि उसके माँ-बाप के बीच आये दिन झगड़े होते रहते थे। उसके पिता यानी आरोपी गया प्रसाद को गांजे की लत थी। गांजे की लत को लेकर हमेशा मृतिका अपने पति को मना करती थी। जिसकी वजह से गया प्रसाद अपनी पत्नी को मारता-पीटता भी था।
दिनेश कहता है कि उसने कई बार इसकी शिकायत थाने में भी की। लेकिन पिता के आंसुओं को देखकर वह मज़बूर हो जाता और कुछ नहीं कर पाता। वह कहता है कि रविवार के दिन दोपहर के लगभग 12 बजे उसकी माँ खाना खा रहीं थीं। वह दुकान में बैठा हुआ था। जब उसे घटना की खबर मिली और वह घर पहुंचा तो उसे उसकी माँ मृत अवस्था में मिली। वहां से आरोपी गया प्रसाद तब तक फ़रार हो चुका था।
उसने आगे बताया कि आरोपी गया प्रसाद हमेशा लोगों को परेशान करता था। हमेशा उसकी माँ के साथ मारपीट करता था। वह यह कहकर खुद को शांत कर लेता की “पिता है।” लेकिन उसे यह नहीं पता था कि एक दिन वह उसकी माँ को जान से मार देगा।
हत्या के बाद जंगल की तरफ भागा आरोपी
पड़ोसियों ने खबर लहरिया को बताया कि आरोपी गया प्रसाद कुल्हाड़ी से अपनी पत्नी को मारकर कुल्हाड़ी लेकर जंगल की तरफ भाग गया था। जिसकी खबर पुलिस को दी गयी। पुलिस मौके पर पहुंची और मामले का पंचनामा भरकर सीएम को भेज दिया।
बच्चों की वजह से ससुराल चले जाती थी वापिस – मृतिका की माँ
अकौना गाँव में रहने वाली मृतिका की माँ जीजाबाई का कहना था कि उसकी बेटी हमेशा उसे यह बताया करती थी की उसका पति उसके साथ मार-पिटाई करता है। लेकिन अपने बच्चों को देखते हुए वह वापस ससुराल चले जाती थी। वह कहती हैं कि जिस तरह से उसकी बेटी की हत्या हुई है, वैसे ही आरोपी गया प्रसाद को भी सज़ा मिलनी चाहिए।
गाँव के लोगों से बात करने पर पता चला कि आरोपी गया प्रसाद गांजा पीने के साथ जुआं भी खेलता था। अपनी पत्नी से हमेशा पैसे मांगता था और उससे लड़ता-झगड़ता रहता था। वह कहते हैं कि अगर पुलिस पहले कोई कार्यवाही करती तो शायद यह घटना नहीं होती।
आरोपी को भेज दिया गया जेल – अजनर थाना इंचार्ज
अजनर थाने के इंचार्ज अभिमन्यु यादव ने खबर लहरिया को बताया कि आरोपी गया प्रसाद कुशवाहा को पकड़ लिया गया है। उस पर धारा 302 लगाई गयी है। साथ ही इससे पहले मृतिका ने आरोपी पति के खिलाफ पहले भी शिकायत दर्ज़ की थी। लेकिन शिकायत के बाद वह अगले दिन आती और पति के साथ राज़ी होकर घर चली जाती। वह आगे कहते हैं कि मियां-बीवीं का झगड़ा है इसे देखते हुए कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी। मृतिका के बेटे के तहरीर पर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। लेकिन सवाल यह है कि महिला के साथ घरेलू हिंसा करने के बाद भी पुलिस द्वारा आरोपी पति पर पहले कोई धारा क्यों नहीं लगाई गयी ?
बाँदा : तेज़ाब वाला दूध पिलाकर की पत्नी की हत्या
मामला बांदा ज़िले के गाँव पौहार का है। जहाँ 27 मई को एक 21 साल की महिला को उसके पति ने ज़बरदस्ती दूध में तेज़ाब घोल के पिला दिया। महिला के 3 दिन तक घर पर तड़पने के बाद जब उसके मायके वालों को इस बात की सूचना मिली तो उन लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जहाँ पीड़िता ने पूरी घटना की जानकारी अपने घरवालों को दी। अस्पताल में भर्ती होने के कुछ समय बाद ही महिला की मौत हो गयी। आरोपी पति ने अपनी पत्नी को जान से मारने का आरोप भी कबूल लिया लेकिन सबसे ज़्यादा चौकाने वाली बात यह थी कि इसके बावजूद भी पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ़्तार नहीं किया गया।
दूसरी रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्यवाही-ं पुलिस
बांदा के पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि वह पोस्टमॉर्टम की दूसरी रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्यवाही करेंगे। जबकि पोस्टमार्टम की पहली रिपोर्ट में यह साफ़ हो चुका था कि महिला के शरीर में ज़हर था लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस द्वारा दूसरी रिपोर्ट आने का इंतज़ार किया गया।
ऐसे में सवाल तो यह उठता है कि जब पहली रिपोर्ट में ही मौत होने की बात साफ़ हो चुकी थी और आरोपी ने भी जुर्म कबूल कर लिया था तो ऐसे में दूसरी रिपोर्ट का इंतज़ार करने का क्या मतलब बनता है? कबूलनामे के बाद भी आरोपी को ना पकड़ना कानून की न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है।
वृद्ध महिला से बलात्कार के बाद की हत्या
बाँदा जिले के तिंदवारी थाने में 19 जुलाई 2021 को एक वृद्ध महिला के साथ बलात्कार करने के बाद धारधार हथियार से वार करके हत्या करने का मामला सामने आया था।
ग्रामीणों का आरोप था कि महिला शाम को 4 बजे बकरी चराने के लिए खेत में गयी थी। जब वह देर रात तक घर नहीं आई तो महिला के परिवार वाले उसे ढूंढ़ने के लिए निकल गए। जब ढूंढते-ढूंढते वह जंगल की तरफ निकले तो कुछ दूरी पर उन्हें रात के तकरीबन 11 बजे वृद्ध महिला का शव मिला। इसके बाद चौकी इंचार्ज को सूचना दी गयी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्ज़े में लिया और शव को पोस्टमॉर्टेम के लिए भेज दिया। मामले की जांच बाँदा के सीओ सदर और पुलिस द्वारा की गयी।
पुलिस का रवैया सही नहीं – आरोप
वृद्ध महिला के बेटे का आरोप था कि जब उसकी माँ खेत में बकरी चराने गयी थी तो पहले उसकी माँ के साथ बलात्कार किया गया और फिर उनकी हत्या की गयी। उसका यह भी कहना था कि पुलिस का मामले को लेकर रवैया कुछ खासा ठीक नहीं था।
आरोपी पुलिस की गिरफ़्त में
इस मामले में खबर लहरिया ने तिंदवारी थाने के एसओ प्रदीप कुमार यादव से बात की। उनके अनुसार हत्या का मामला धारा 302 के तहत दर्ज़ किया गया। पुलिस द्वारा पुत्तु नाम के एक आरोपी को इस मामले में पकड़ा गया है और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज़ किया गया।
हमें आए दिनअखबारों और टीवी के स्क्रीन पर बलात्कार,हत्या और घरेलू हिंसा जैसे मामले सुनने और देखने को मिलते हैं। इन मामलों के ज़्यादातर कारण या तो दहेज़, घरेलू हिंसा, घरेलू विवाद से जुड़े होते हैं या फिर समाज की दकियानूसी सोच से। जहाँ कोरोना काल में दुनिया भर में लोग अपनों को सुरक्षित करने में लगे हुए थे वहीं हमारे देश में इस दौरान महिलाओं के साथ हिंसा के मामले दोगुने हो रहे थे। राष्ट्रीय महिला आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में छह सालों में पहली बार साल 2020 में हिंसा के सबसे अधिक 23,722 मामले दर्ज किए गए। यह मामले घरेलू हिंसा, ऐसिड अटैक, आत्महत्या आदि से जुड़े थे। लेकिन इन सब के बीच हैरानी की बात यह थी कि NCW के मुताबिक, सबसे अधिक 11,872 शिकायतें सिर्फ उत्तर प्रदेश से मिलीं।
यूपी सरकार महिला सुरक्षा की बात करती है। लेकिन सरकार की यह झूठी बातें पेश की गयी रिपोर्ट साफ़ तौर से दिखाती हैं कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसाओं के मामले किस हद तक बढ़े हैं। यह आंकड़े तो वह जो मामले सामने आये हैं। लेकिन ग्रामीण स्तर पर महिलाओं के साथ होती हिंसाओं को लेकर कोई भी रिपोर्ट नहीं बनाई गयी है जबकि खबर लहरिया की रिपोर्टिंग के अनुसार ग्रामीण स्तर पर सबसे ज़्यादा हिंसा के मामले देखे गए हैं। ऐसे में सरकार आखिर कब तक यह कहती रहेगी की प्रदेश महिलाओं के लिए सुरक्षित है ? वह उनकी सुरक्षा के लिए काम कर रही है।
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इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली और शिवदेवी द्वारा की गयी है।