खबर लहरिया Blog Up Prayagraj : अमृत सरोवर योजना में खर्च हुआ बजट, लेकिन तालाब का विकास अधूरा

Up Prayagraj : अमृत सरोवर योजना में खर्च हुआ बजट, लेकिन तालाब का विकास अधूरा

प्रयागराज जिले के जसरा ब्लॉक के सेहुडा और देवरिया गांव में अमृत सरोवर योजना के नाम पर लाखों रुपये का बजट खर्च तो दिखाया गया, लेकिन तालाब का असली विकास नहीं हुआ।

अमृत सरोवर योजना

अमृत सरोवर की तस्वीर (फोटो साभार : सुनीता)

रिपोर्ट – सुनीता, लेखन – कुमकुम 

देवरिया गांव के प्रेम नारायण बताते हैं कि तालाब पर सिर्फ एक गेट बनवाया गया है और थोड़ा-बहुत खड़ंजा डलवाया गया है। इसके अलावा कोई काम नहीं हुआ। तालाब की सफाई नहीं हुई और न ही घाट बनाए गए।
अन्य गांवों में जहां इस योजना से घाट, बैठने की जगह और साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था हो रही है, वहीं यहां तालाब में बड़े-बड़े घास उग आए हैं। लोग वहां जाते ही नहीं हैं। बजट का सही इस्तेमाल होता तो यह तालाब गांव के लोगों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता था।

ग्रामीणों का कहना – “सिर्फ पैसा बर्बाद हुआ”

गांव देवरिया की रानी ने बताया कि अगर तालाब में अमृत सरोवर के तहत पूरा विकास होता तो लोग सुबह-शाम घूमने और टहलने में मजा ले सकते थे। घर में अच्छी सुविधाएं नहीं होने के कारण हम लोग वहीं जाते, आराम से बैठते, मनोरंजन करते और बच्चों के लिए खेलने-कूदने की व्यवस्था होती।

तालाब के पास कुछ शीशम के पौधे लगवाए गए हैं, लेकिन सारे सूख गए हैं और कोई फायदा नहीं हुआ। सिर्फ पैसे की बर्बादी हुई है। तालाब की सफाई नहीं करवाई गई और घास-फूस भी हटाया नहीं गया। अगर पेड़-पौधों को बराबर पानी मिलता तो शायद वे भी सूखते नहीं

अन्य तालाब सरोवर में अमृत सरोवर के तहत सौर ऊर्जा वाला पानी की टंकी रखी गई, बोर करवाया गया और कुर्सियां लगाई गई। अच्छे से घाट भी बनवाया गया, लेकिन यहां कोई सुविधाएं नहीं हैं। जब हम लोग शिकायत करते हैं तो बस कहा जाता है कि सफाई करवा देंगे, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।

पूरा विकास जरूरी

सेहूडा गांव की रीता का कहना है कि यदि तालाब का पूरा विकास होता और चारों तरफ घाट बनते तो लोग वहां नहाने, कपड़ा धोने और जानवरों के पानी पीने की सुविधा के लिए जा सकते थे। लेकिन तालाब में गंदगी और बड़े-बड़े घास उग आए हैं। यहां सांप-बिच्छू भी रहते हैं, इसलिए लोग वहां जाने से डरते हैं।

बजट खर्च करने का कोई फायदा नहीं जब तालाब की स्थिति ऐसी है। लोग तालाब का इस्तेमाल सिर्फ़ शौच के लिए करते हैं लेकिन सरकार के नियमों के बावजूद अगर पूरा विकास नहीं होगा तो यह पैसा बेकार है।

“कुछ काम अभी होना बाकी” – प्रधान रज्जन

प्रधान रज्जन ने बताया कि उनके क्षेत्र की आबादी लगभग 3,000 है। तालाब में मिट्टी समतल करवा दी गई है, पेड़-पौधे लगाए गए हैं और कुछ खड़ंजा बनवाए गए हैं। लेकिन कुछ काम बाकी है, जिसे भविष्य में पूरा किया जाएगा। इस क्षेत्र में कुल 12 तालाब हैं, लेकिन योजना का सुंदरीकरण केवल एक तालाब तक ही सीमित है।

जसरा ब्लॉक के बी.डी.ओ. सुनील कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर के तहत तालाबों का सुंदरीकरण केवल एक तालाब के लिए ही बजट के अनुसार किया जाता है, चाहे क्षेत्र में कई तालाब क्यों न हों। बजट लगभग 12 लाख का है और तालाब में विकास कार्य किए गए हैं। यदि स्थिति ठीक नहीं पाई जाती है तो उस बजट से दोबारा काम करवाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि तालाबों में घाट बनाए जाएंगे और पूरे क्षेत्र में पानी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

 

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