आज सुबह राहुल गांधी अपने ट्वीट में महात्मा गांधी का हवाला देते हुए कहते हैं कि उन्हें वीरवार 1, अक्टूबर को यूपी के हाथरस तक मार्च के दौरान यूपी पुलिस के द्वारा हिरासत में कर लिया गया। वह ट्वीट करते हुए कहते हैं कि ” हम किसी भी तरह के अन्याय से झुकेंगे नहीं“।
वीरवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, यूपी के हाथरस में 20 साल की दलित लड़की से हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में लड़की के परिवार से मिलने निकले थे। जिसकी मृत्यु दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार सुबह को गंभीर चोटों और बलात्कार के दौरान किए गए उत्पीड़न की वजह से हो गयी थी। साथ ही यूपी पुलिस ने पीड़ित लड़की के शव को बिना परिवार की मंजूरी के रातों रात जला दिया था। जिसके बाद देश में आक्रोश का माहौल और भी बढ़ गया।
महात्मा गांधी जयंती के दिन अपनी हिरासत को जोड़ते हुए , राहुल गांधी ने किया ट्वीट
“मैं दुनिया में किसी से नहीं डरूंगा। मैं किसी भी तरह के अन्याय के सामने नहीं झुकूंगा। मैं सच्चाई के साथ झूठ को हराऊंगा, और असत्य से लड़ते हुए सभी संघर्षों का सामना करूंगा … हार्दिक शुभकामनाएं गांधी जयंती की, “राहुल गांधी ने आज सुबह हिंदी में महात्मा गांधी को उनकी 151 वीं जयंती पर ट्वीट करते हुए कहा।
‘मैं दुनिया में किसी से नहीं डरूंगा… मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं, मैं असत्य को सत्य से जीतूं और असत्य का विरोध करते हुए मैं सभी कष्टों को सह सकूं।’
गाँधी जयंती की शुभकामनाएँ।#GandhiJayanti
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 2, 2020
मार्च के दौरान किया गया राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को गिरफ़्तार
वीरवार, 1 अक्टूबर को राहुल गांधी और 50 कांग्रेस कार्यकर्ताओं और यूपी पुलिस के बीच दिल्ली के यमुना एक्सप्रेस रास्ते पर आमना–सामना होता है। जिसमें पुलिस द्वारा राहुल गांधी को धक्का दिया जाता है और वह ज़मीन पर गिर जाते हैं। जिसके बाद से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को यूपी पुलिस द्वारा गिरफ़्तार कर लिया जाता है।
राहुल गांधी ने पूछा ” मुझे क्यों किया जा रहा है गिरफ़्तार“
यूपी पुलिस द्वारा भिड़ंत के दौरान जब राहुल गांधी को गिरफ़्तार कर लिया गया तो, राहुल गांधी ने पूछा “आप मुझे क्यों गिरफ्तार कर रहे हैं? गिरफ्तारी के लिए क्या आधार हैं? मैं किस कानून का उल्लंघन कर रहा हूं“? जिसके जवाब में पुलिस ने कहा कि यूपी में धारा 144 लागू की गयी है, जिसके अनुसार एक जगह चार से ज़्यादा लोग खड़े नहीं हो सकते। और उन्हें धारा 188 के अंतर्गत गिरफ़्तार किया गया। धारा 188 में सरकारी आदेशों की अवहेलना के अंतर्गत व्यक्ति को पकड़ा जाता है।
साथ ही महामारी के दौरान मास्क न पहनने की वजह से भी, महामारी रोग अधिनियम के तहत राहुल गांधी समेत, 200 अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ़ प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज़ कराई जाती है।
यहां ये सवाल आता है कि यूपी सरकार द्बारा पहले तो धारा 144 के बारे में कोई सूचना नहीं दी गयी। वहीं जब बड़ी संख्या में कांग्रेस मार्च के लिए निकली तो अचानक से धारा 144 लागू कर दिया गया।
इन धाराओं के तहत किया गया था गिरफ़्तार
एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश देने के लिए अवज्ञा), धारा 269 (जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी के संक्रमण को गैरकानूनी या लापरवाही से फैलाना) के तहत दर्ज किया गया था। धारा 270 (घातक कार्य जीवन के लिए खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने की संभावना है) और महामारी रोग अधिनियम की धारा 3 के तहत,सभी को गिरफ़्तार किया गया है – पुलिस ने कहा।
आरजेडी नेता ने राहुल गांधी की गिरफ्तारी की करी निंदा
बिहार के आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने यूपी पुलिस द्वारा राहुल गांधी की गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए कहते हैं ” दमनकारी शासन द्वारा सत्ता का गलत उपयोग करने पर, उसका विरोध करना हर विपक्षी दलों का कर्तव्य और लोकतांत्रिक अधिकार है“।
हालांकि, यूपी सरकार ने विरोध को “राजनीतिक स्टंट” का नाम देते हुए है मामले को टालते हुए दिखाई दे रही है।
It is duty & democratic right of the Opposition parties to protest against every indiscriminate misuse of power by the oppressive regime!
Voice & will of the people cannot be silenced or suppressed!
We unequivocally condemn the arrest of Shri @RahulGandhi & Smt @priyankagandhi ji— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 1, 2020
जब देश के जाने–माने राजनीतिक नेता को इस तरह से गिरफ़्तार कर लिया गया है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि अगर कोई आम व्यक्ति ऐसे ही विरोध करने के लिए इसी तरह से आगे आता, तो यूपी पुलिस उसके साथ क्या करती ?
एक तरफ़ जहां यूपी में हाथरस सामूहिक बलात्कार के बाद और भी बलात्कार के मामले आए दिन खुलते जा रहे हैं। वहीं यूपी सरकार ने किसी को भी राज्य में प्रवेश करने से मना कर दिया है। यहां तक कि मीडिया कर्मियों को भी सरकार से सवाल पूछने नहीं दिया जा रहा। न ही हाथरस पीड़िता के परिवार से उन्हें मिलने दिया जा रहा है। राज्य में यूपी सरकार द्वारा भारी पुलिस बल हर जगह तैनात कर दिया गया है। तैनात किए गए पुलिसकर्मी सुरक्षा की दृष्टि से कम और मामले को दबाने और छिपाने की वजह से ज़्यादा खड़े दिखाई दे रहे हैं।
यूपी सरकार आखिर किस बात से बचने की कोशिश कर रही है? राज्य में इतना सुरक्षा बल क्यों? नेताओं और मीडिया कर्मियों को राज्य के अंदर क्यों नहीं आने दिया जा रहा? अगर सब सही है, तो मुख्यमंत्री सामने से आकर कुछ कहते क्यों नहीं? सवाल तो कई हैं लेकिन यूपी सरकार ने सवाल पूछने पर भी अब ताला लगा दिया है।