रैपुरा गांव से सीएम योगी की जनसभा में आई महिला ने बताया, ‘उनके गांव से लगभग 50 लोग आये हैं। सभी लोग मज़दूर हैं। वह आ नहीं रहे थे लेकिन उनसे ज़बरदस्ती करते हुए कहा गया क्योंकि मुख्यमंत्री आ रहे हैं तो उन्हें जाना होगा। वह 4:30 बजे तक भूखे प्यासे बैठे रहे।’
जब भी सीएम योगी प्रदेश के किसी भी जिले में आते हैं तो प्रशासन जनता की भीड़ इकठ्ठा करने का काम शुरू कर देती है। लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें ज़बरदस्ती भीड़ इकठ्ठा करने के लिए बुलाया जाता है। उनके मना करने पर भी उन्हें लाया जाता है। आने पर उन्हें कोई फायदा भी नहीं होता क्योंकि सीएम तो उनकी बात सुनते ही नहीं। न बात करने का मौका मिलता है – जनता ने कहा।
इस बार जब सीएम योगी कल 13 मार्च 2023 को महोबा आये तो उन्होंने जिले के पुलिस लाइन के मोदी ग्राउंड में जनता को संबोधित किया तब भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। सीएम योगी की जनसभा में इकठ्ठा हुए लोगों ने खबर लहरिया को बताया, क्योंकि सीएम योगी आए हैं इसलिए भीड़ इकठ्ठा की गयी है। एक बार आने के बाद अब उन्हें जाने भी नहीं दिया जा रहा। लोगों ने सोचा था कि सीएम आये तो वह समस्या को लेकर बात करेंगे पर बात करना तो दूर, वह तो उनसे कोसो दूर खड़े थे।
जानकारी के लिए बता दें, सीएम योगी के साथ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। सीएम योगी 3500 करोड़ से अधिक के निवेश से 9 राष्ट्रिय राजमार्गो के लोकार्पण व शिलान्यास के लिए महोबा पहुंचे थे।
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सीएम की जनसभा से मज़दूरों को हुआ नुकसान
रैपुरा गांव से सीएम योगी की जनसभा में आई महिला ने बताया, ‘उनके गांव से लगभग 50 लोग आये हैं। सभी लोग मज़दूर हैं। वह आ नहीं रहे थे लेकिन उनसे ज़बरदस्ती करते हुए कहा गया क्योंकि मुख्यमंत्री आ रहे हैं तो उन्हें जाना होगा। वह 4:30 बजे तक भूखे प्यासे बैठे रहे।’
आगे कहा, “मुख्यमंत्री की बाते सुनीं। वही पुरानी योजनाओं को गिना रहे थे। हर घर में पानी का नल लगवाया। नई योजनाएं नहीं बता रहे थे कि क्या बनने वाला है। चैत की बिनाई-कटाई चल रही है। अगर हम काटने चले जाते तो साढ़े तीन सौ रूपये हमें मज़दूरी मिल जाता। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में आये हुए हैं तो हमें क्या मिला, कुछ भी नहीं। बस अब घर जा रहे हैं।”
जनता को कण्ट्रोल करते अधिकारी
जैतपुर से आई 60 वर्षीय बुज़ुर्ग महिला ने बताया, “हम पंडाल के अंदर घुस गए थे तो यह भी नहीं था कि पानी या शौच के लिए बाहर निकल जाए क्योंकि हर जगह अधिकारी व पुलिस थी। वह बाहर निकलने नहीं दे रही थी।”
जनता से दूर सीएम
जब लोगों से पूछा गया कि क्या अपने कोई बदलाव देखा है, जवाब आया कि अब सिर्फ ज़बरदस्ती का स्वांग रह गया है। न हम कुछ बोल सकते हैं और न ही अपनी बात रख सकते हैं। अगर रखते हैं तो प्रशासन-अधिकारी एक ही लोगों को निशाना बनाकर टारगेट बना लेते हैं। इसलिए अब सब देखते हुए भी कुछ कहने की हिम्मत नहीं पड़ती।
आगे कहा, जब सीएम योगी आते हैं तो जनता को उम्मीद रहती है कि वह अपनी समस्याओं के बारे में उन्हें बताएंगे क्योंकि वह दिल्ली या लखनऊ नहीं पहुंच पाते लेकिन मुख्यमंत्री के यहां आने पर भी उन्हें मौका नहीं मिल पाता।
जनसभा में कोई राशन की समस्या लेकर आया तो कई किसान सिंचाई की अपनी परेशानियों को बताने की उम्मीद से आये तो कई लोगों को ज़बरदस्ती बस भीड़ के लिए इकठ्ठा कर दिया गया। सीएम योगी की जनसभा, जो लोगों के लिए विकास की नई योजनाओं की बात करती है उस जनसभा में लोगों की न तो समस्या को सुना गया व लोगों के अनुसार, न ही वे योजनाओं से रूबरू हो पाए। यहां तक की अधिकारियों ने भी जनता को बस भीड़ ही समझा जो जनसभा में सिर्फ इलसिए आये हैं क्योंकि सीएम का आगमन हुआ है। जनसभा हेतु इकट्ठा हुई अधिकतर जनता अंततः निराश नज़र आई।
इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गयी है।
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