जनपद जौनपुर में अटेवा के बैनर तले शिक्षक-कर्मचारी ने काली पट्टी बांधकर सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गई। इसके साथ ही वे एनपीएस एवं यूपीएस का विरोध कर रहे हैं।
लेखन – सुचित्रा
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर उत्तर प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। रिपोर्ट के अनुसार प्राथमिक शिक्षकों के संगठन अटेवा ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएस) के विरोध में आज 1 अप्रैल 2025 को काला दिवस मनाया। सभी शिक्षक मिलकर रामपुर के आंबेडकर पार्क में इकट्ठा हुए और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरियों में यूपीएस लागू करने का फैसला किया है जिसका विरोध शिक्षक और कर्मचारी कर रहे हैं। जनपद जौनपुर में अटेवा के बैनर तले शिक्षक-कर्मचारी ने काली पट्टी बांधकर सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गई। इसके साथ ही वे एनपीएस एवं यूपीएस का विरोध कर रहे हैं।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) एवं एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस)
एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस): यह नियम उन कर्मचारियों के लिए है जिन्होंने कम से कम 25 साल की सेवा की हो। ऐसे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले के आखिरी 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
इसके अलावा जिनकी सेवा कम से कम 10 साल की है तो उन्हें सेवानिवृत्ति पर हर महीने 10,000 रुपए की न्यूनतम पेंशन मिलेगी। अगर पेंशन पाने वाले की मृत्यु हो जाती है तो उसकी मृत्यु के बाद 60% पेंशन राशि उसके परिवार को दी जाएगी।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) : NPS एक ऐसी योजना है जिसमें आप बाजार से जुड़े निवेश विकल्पों में नियमित रूप से पैसे डाल सकते हैं और रिटार्यड (सेवानिवृत्त) होने के बाद पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
NPS के तहत आप अपने जमा किए गए पैसे का 60% एक बार में निकाल सकते हैं और बाकी 40% को किसी एनपीएस फंड मैनेजर के पास निवेश कर सकते हैं ताकि आपको पेंशन मिलती रहे। NPS में कोई तय पेंशन राशि नहीं है। पेंशन की राशि बाजार के प्रदर्शन और आपकी निवेश योजना पर निर्भर करती है।
शिक्षकों और कर्मचारियों का कहना है कि काम का बोझ पहले से अधिक बढ़ गया है और खाली पदों को भरा भी नहीं जा रहा है। उन्हें ये नहीं पेंशन योजना नहीं चाहिए वह पहले जैसी ही पेंशन योजना चाहते हैं।
1 मई 2025 को दिल्ली चलो का ऐलान
लखनऊ के केंट स्थित कार्यलय में रविवार 27 मार्च 2025 को यह भी घोषणा की कि 1 मई को दिल्ली में भी इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
यह आंदोलन शिक्षक और कर्मचारी वर्ग की पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए उठाया गया कदम है। काला दिवस के माध्यम से वे अपनी मांगों को मजबूती से उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
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