खबर लहरिया Blog यूपी: लड़कियां नहीं लेंगी शाम की कक्षाएं, सुरक्षा का दिया हवाला

यूपी: लड़कियां नहीं लेंगी शाम की कक्षाएं, सुरक्षा का दिया हवाला

विभिन्न सर्वे और डाटा के अनुसार अगर देखा जाए तो सार्वजनिक सड़कें, सार्वजनिक परिवहन, बस स्टॉप और सार्वजनिक शौचालय महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे आम जगहों में से एक हैं।

लड़कियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए उनके लिए शाम की कक्षाओं पर रोक लगा दी गई है। यह यूपी सरकार द्वारा सुरक्षित शहर परियोजना के तहत, निजी कोचिंग संस्थानों द्वारा लिया गया निर्णय है। इसकी मुख्य वजह महिलाओं के साथ बढ़ती हिंसा को बताया गया। यूपी जिले के गौतम बुद्ध नगर, जिसे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के नाम से भी जाना जाता है, यहां ये आदेश दिए गए हैं।

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शैक्षिक संस्थान पर ही प्रतिबन्ध क्यों ?

यह गाइडलाइन उस क्षेत्र के लिए दी गई है जो यूपी के ‘महानगरीय’ क्षेत्र में आते हैं। विभिन्न सर्वे और डाटा के अनुसार अगर देखा जाए तो सार्वजनिक सड़कें, सार्वजनिक परिवहन, बस स्टॉप और सार्वजनिक शौचालय महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे आम जगहों में से एक हैं। यहां महिलाएं सबसे अधिक असुरक्षित महसूस करती हैं फिर शैक्षिक संस्थान पर ही क्यों प्रतिबंधन लगाया गया है?

ज़ारी किये गए दिशा-निर्देश में सीसीटीवी कैमरे के ज़रिये नज़र रखने की बात कही गई है लेकिन सवाल यह है कि इसमें अलग क्या है? सीसीटीवी तो पहले भी थे तो फिर अब क्या?

सुरक्षा के नाम पर समाज लड़कियों को हमेशा चार-दीवारी में कैद करता आया है और यूपी सरकार द्वारा जो लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर यह नई घोषणा की गई है, यह उन्हें फिर से चार-दीवारी में कैद करने से कम नहीं है जहां उन्हें बताया जा रहा है कि ‘यही तुम्हारी समय-सीमा है, इसके बाद तुम घर से बाहर कदम नहीं निकाल सकती नहीं तो…..”

सरकार चाहती तो कोई अन्य रास्ता भी निकाल सकती थी जैसे तमिलनाडु राज्य ने किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तमिलनाडु में 20 साल से अधिक उम्र की महिलाएं सुरक्षित रूप से रात की शिफ्ट में भी काम कर रही हैं। उनकी सुरक्षा को देखते हुए, सड़कों पर लाइट्स, कोचिंग संस्थानों व सार्वजनिक जगहों पर निगरानी की प्रक्रिया में ठोस कदम उठाया गया है। यह नहीं कि उन्हें सुरक्षा के नाम पर कैद खाने में बंद कर दिया गया हो जैसे की यूपी सरकार सुरक्षा के नाम पर कर रही है।

इस लेख को आमरा आमिर द्वारा लिखा गया है। 

 

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