यूपी के महाकुम्भ की तस्वीरों के सामने यूपी की सड़कों की छवि और धुंधली पड़ गई है। चित्रकूट जिले के मऊ ब्लॉक के बरगढ़ अशोक चौराहा से गाहुर जाने वाली सड़क पिछले तीन सालों से खराब पड़ी हुई है। इस सड़क का उपयोग गाहुर, रैपुरा, दूबी, कटैया, डाडी, मनका, डोडिया और अन्य दस गांवों के लोग करते हैं।
रिपोर्ट – सुनीता, लेखन – सुचित्रा
यूपी के महाकुम्भ में जाने के लिए लोग उत्सुक हैं लेकिन जिन लोगों का रास्ता ही खराब हो वो कैसे महाकुम्भ में जायेंगे? सड़क लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सड़क आपको एक दूसरे से मिलाने का काम करती है। सड़क हो तो लोगों की आधी समस्या ऐसे ही सुलझ जाए, पर सड़क एक राजनीति का मुद्दा भी है इसलिए शायद इसके विकास के बारे में कभी सरकार सोचती ही नहीं। सड़क की समस्या हल हो जाएगी तो वो सत्ता में फिर से कैसे आएगी?
पिछले तीन साल से सड़क खराब
यूपी के महाकुम्भ की तस्वीरों के सामने यूपी की सड़कों की छवि और धुंधली पड़ गई है। चित्रकूट जिले के मऊ ब्लॉक के बरगढ़ अशोक चौराहा से गाहुर जाने वाली सड़क पिछले तीन सालों से खराब पड़ी हुई है। इस सड़क का उपयोग गाहुर, रैपुरा, दूबी, कटैया, डाडी, मनका, डोडिया और अन्य दस गांवों के लोग करते हैं। यह सड़क न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि मध्य प्रदेश से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। हालांकि, सड़क की खराब स्थिति के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सड़क न होने से गर्भवती महिलाओं को होती है दिक्कत
कटैया डांडी की सुधा का कहना है कि सड़क की खस्ता हालत से महिलाओं और बीमार लोगों को भी भारी परेशानी होती है। खासकर डिलीवरी वाली महिलाओं को इस रास्ते से गुजरने में कठिनाई होती है। हाल ही में एक महिला जो एमपी से आई थी, उसका बच्चा रास्ते में ही हो गया था। उसके बाद में बरगढ़ के अस्पताल में भर्ती किया गया। सुधा ने कहा कि सड़क के गड्ढे इतने बड़े हैं कि कोई भी गाड़ी या व्यक्ति इस पर चलने में मुश्किल महसूस करता है।
सड़क की खराब स्थिति और दुर्घटनाएं
हाल ही में 3 फरवरी 2025 को जब आज़ाद पुरवा के पास दोपहिया और चारपहिया वाहनों के बीच एक हादसा हो गया। इस हादसे में एक बच्चा हर्ष गंभीर रूप से घायल हो गया। उसकी कमर की हड्डी टूट गई और वह अभी प्रयागराज के अस्पताल में भर्ती है। अगर सड़क अच्छी होती, तो गाड़ी वाला आसानी से रास्ता बदल सकता था, लेकिन खराब सड़क के कारण उसे यह दुर्घटना झेलनी पड़ी।
यह सड़क लगभग 20 किलोमीटर लंबी है और इसके विभिन्न हिस्सों में बड़े-बड़े गड्ढे और गिट्टे फैले हुए हैं। इस सड़क से हर दिन हजारों लोग और वाहन गुजरते हैं। हालांकि, सड़क की खस्ता हालत के कारण लोग पैदल चलने में भी कठिनाई महसूस करते हैं। इस सड़क मार्ग पर अक्सर लोगों को हादसों का सामना करना पड़ता है।
स्कूल जाने वाले बच्चों का कहना है कि वे अपने गांवों से साइकिल से बरगढ़ पढ़ने जाते हैं, लेकिन सड़क इतनी खराब है कि उन्हें साइकिल चलाने में परेशानी होती है। कई बार गिरकर उन्हें चोट भी लग जाती है।
बरसात के दौरान स्थिति
बरसात के मौसम में सड़क की स्थिति और भी खराब हो जाती है। गड्ढे पानी से भर जाते हैं, जिससे वाहन चालक को यह अंदाजा नहीं होता कि कितनी गहराई में पानी भरा हुआ है। इस कारण और भी दुर्घटनाएं होती हैं। हर्ष की बहन ने बताया कि इस सड़क पर हर तीसरे-चौथे दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
स्कूल जाने में होती है परेशानी
बच्चों को पढ़ाई के लिए भी दिक्कतें आती हैं। साइकिल पंचर हो जाने पर उन्हें 20 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है, जिससे स्कूल जाने में घंटों की देरी हो जाती है और पढ़ाई में भी परेशानी होती है।
सड़क बनवाने की मांग
स्थानीय लोग इस सड़क की हालत सुधारने के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। वे चाहते हैं कि यह सड़क मजबूत और अच्छे मटेरियल से बनाई जाए, ताकि यह लंबे समय तक चल सके। बच्चों के लिए यह सड़क महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके स्कूल जाने का मुख्य मार्ग है। अगर सड़क की मरम्मत जल्द नहीं हुई, तो उनके भविष्य पर असर पड़ सकता है।
सड़क मरम्मत का काम जल्द शुरू होगा
पीडब्ल्यूडी सहायक अभियंता आसतोष ने बताया कि इस सड़क के सुधार के लिए बजट पास हो चुका है। उन्होंने बताया कि आठ किलोमीटर की सड़क को ठेकेदार द्वारा ठीक किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि दस दिनों के अंदर सड़क की मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा। ग्रामीणों को उम्मीद है कि यह सड़क जल्द ठीक हो जाएगी और उनकी समस्याओं का समाधान होगा।
यह सड़क न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि छात्रों, महिलाओं और यात्रियों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। सड़क की खराब स्थिति से न केवल रोजमर्रा की यात्रा में कठिनाई हो रही है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है।
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