खबर लहरिया Hindi Up News / Mp News : बाँदा, लखनऊ और मध्य प्रदेश में दलित और आदिवासी से मारपीट, कहीं छात्र को पीटा तो कहीं चटवाया पेशाब

Up News / Mp News : बाँदा, लखनऊ और मध्य प्रदेश में दलित और आदिवासी से मारपीट, कहीं छात्र को पीटा तो कहीं चटवाया पेशाब

उत्तर प्रदेश के बांदा और लखनऊ से दलित छात्र के साथ मारपीट और बुजुर्ग से मंदिर परिसर में कथित तौर पर पेशाब चटवाने का मामला सामने आया है। वहीं यूपी के बस्ती में भी युवक को पेड़ से बांधकर इसलिए पीटा क्योंकि वह तथाकथित उच्च जाति कहे जाने वाले द्वारा दी गई गाली की शिकायत को लेकर उनके घर पहुंचा। मध्य प्रदेश में छतरपुर सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आदिवासी युवक को बेल्ट से पीटा क्योंकि उसने ढाबे पर काम करने से मना कर दिया। ऐसा ही मामला एमपी के भिंड से सामने आया, जहां युवक को किडनैप कर पीटा और पेशाब पीने को मजबूर किया।

फोटो साभार : सोशल मीडिया

यह सभी घटनाएं इस बात का प्रमाण है कि आज भी जातिवाद की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उसे खत्म करना मुश्किल है। जो लोग आज भी इस बात को कहकर खुश हो जाते हैं कि देश बदल रहा हैं और जातिवाद नहीं है तो उन्हें अपनी ऑंखें खोलकर देखना चाहिए। वे दलितों और आदिवासियों के साथ हुई बर्बरता, बेहरमी से हुई मारपीट और हत्या को झुठला नहीं सकते हैं। देश भर में आए दिन दलितों और आदिवासी समुदाय के साथ मारपीट और हत्या की खबर सामने आती हैं। इसी तरह की घटनाएं बीते कुछ दिनों में सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आई।

लखनऊ में बुजुर्ग से चटवाई पेशाब

दैनिक भास्कर की 21 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में एक दलित बुजुर्ग से काकोरी स्थित शीतला माता मंदिर परिसर में RSS कार्यकर्ता स्वामीकांत द्वारा कथित तौर पर पेशाब चटवाई गई। यह घटना सोमवार 20 अक्टूबर 2025 की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार 60 वर्षीय बुजुर्ग को साँस की बीमारी है और जब वह मंदिर के सामने से गुजर रहे थे। तभी अचानक उन्हें दिक्कत महसूस हुई। तबीयत खराब होते ही वह मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ गए। इसी दौरान कथित तौर पर उनकी पेशाब छूट गई। इस खबर का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुआ। बुजुर्ग को आप वीडियो में कहते सुन सकते हैं।

इस मामले के सामने आते ही कांग्रेस ने सोशल मीडिया X पर खबर को पोस्ट करते हुए लिखा – “BJP शासित यूपी में हुई ये घटना मानवता पर कलंक है। इस मामले में अपराधी को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। ये घटना RSS-BJP की दलित विरोधी मानसिकता का प्रतीक है। दलितों से नफरत इनके खून में दौड़ रही है। यही वजह है कि ये देश में संविधान को खत्म करके मनुवाद लागू करना चाहते हैं, ताकि जाति के आधार पर ये लोगों का शोषण कर सकें।”

 

आरोपी गिरफ्तार

एसीपी काकोरी शकील अहमद ने बताया- पीड़ित की शिकायत आधार पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने प्रशासन से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिससे आगे ऐसी घटनाएं न हों।

बाँदा में प्रिंसिपल ने दलित छात्र को पीटा कहा “यादव हो, पढ़कर क्या करोगे जाकर भैंस चराओ”

उत्तर प्रदेश के बांदा में एक सरकारी स्कूल के उच्च जातीय प्रिंसिपल ने एक कक्षा 07 के यादव छात्र को जातिसूचक गाली दी और अपमानित किया। यह घटना लुकतरा कम्पोजिट विद्यालय कोतवाली देहात जनपद के सरकारी स्कूल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार छात्र ने प्रिंसिपल को छोड़कर एक मैडम को पढ़ाने के लिए क्लासरूम में बुला लिया क्योंकि छात्रों का मानना था कि मैडम अच्छा पढ़ाती हैं, जबकि प्रिंसिपल ठीक से नहीं पढ़ाते। इससे प्रिंसिपल भड़क गए और उन्होंने छात्र को डंडे से पीटा।

कथित तौर पर प्रिंसिपल ने जातिसूचक टिप्पणी करते हुए कहा कि, “तुम पढ़ लिखकर क्या करोगे, यादव हो मवेशियों को घास खिलाओ, किसानी करो।”

बांदा पुलिस ने मामले को बताया पुराना

मामला सामने आने पर अपर पुलिस अधीक्षक बांदा शिव राज ने बताया कि जैसा सोशल मीडिया पर तथ्य पेश किए गए हैं ऐसा कुछ नहीं है। कोतवाली देहात क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले स्कूल में दो अध्यापक/प्रधानाचार्य में पूर्व से आपसी विवाद है तथा छोटी छोटी बातों को बड़ा बनाकर पेश किया जाता है। वर्तमान प्रकरण पुराना है लगाए गए आरोप जांच मे असत्य पाए गए। संबंधित विभाग को अवगत कराया गया है।

स्कूल में इस तरह से जाति के आधार पर भेदभाव किया जायेगा, तो बच्चे की शिक्षा पर, उसके मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा। स्कूल में मौजूद बाकी बच्चे और शिक्षक क्या सीखेंगे? इसलिए इस तरह के मामले सामने आते हैं तो गहराई से जाँच होनी चाइये ताकि हम बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए एक बेहतर परिवेश का निर्माण कर सकें।

बस्ती में युवक को पेड़ से बांधकर डंडों से पीटा

एनडीटीवी की 22 अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार यूपी के बस्ती से भी दलित युवक के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। तथाकथित उच्च जाति कहे जाने वाले लोगों के द्वारा एक दलित युवक को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटा गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उच्च जाति द्वारा दी जाने वाली गाली की शिकायत लेकर वह आरोपी के घर पहुँच गया था। यह बात उच्च जाति वालों को पसंद नहीं आई और उन्होंने युवक की पिटाई कर कर दी, उसके कपड़े फाड़ दिए।

मध्य प्रदेश के भिंड में दलित के साथ मारपीट और जबरन पिलाई पेशाब

लल्लन टॉप की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के भिंड में एक दलित को अगवा कर उसके साथ मारपीट की गई और कथित तौरपर पेशाब पिलाया गया। दलित युवक की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। यह पूरा मामला 20 अक्टूबर की दोपहर का बताया जा रहा है।

ज्ञान सिंह जाटव ने बताया कि भिंड के सुरपुरा गांव का रहने वाला सोनू बरुआ, दतावली गांव का रहने वाला आलोक शर्मा और भिंड का रहने वाला छोटू, यह तीनों उसके घर पहुंचे और उसे किडनैप करके गाड़ी में बिठा कर जबरदस्ती भिंड ले आए। रास्ते में उसके साथ पाइप से मारपीट की गई। भिंड में सेमरपुरा मोड़ पर लाकर उसे पेशाब पिलाया गया। फिर सुरपुरा गांव में ले जाकर एक बार फिर से मारपीट की गई।

एडिशनल एसपी संजीव पाठक ने मामले की जानकारी देते हुए बताया है कि ज्ञान सिंह जाटव ड्राइवरी का काम करता है। गाड़ी चलाने को लेकर इसका विवाद आरोपियों से चल रहा था।

छतरपुर में आदिवासी युवक की बेरहमी से पिटाई, वीडियो वायरल

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र की है। उमेश आदिवासी निवासी कुपी गांव ढाबे पर वेटर का काम करता था। बाद में उसने काम छोड़कर मजदूरी करना शुरू कर दिया। इसी बात से नाराज होकर सटई रोड स्थित कलेक्टर बंगले के बगल में संचालित ढाबे के मालिक ने आदिवासी युवक को पीटा। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश छतरपुर से एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोगों द्वारा युवक को लात, बेल्ट से मारा जा रहा है।

इस तरह की घटनाओं से साफ़ पता चलता है कि जाति के नाम पर खुद को उच्च जाति समझने वाले लोग दलित और आदिवासी पर हिंसा करना अपना अधिकार समझ लेते हैं। उन्हें ये आसान लगता है क्योंकि जो दलित और आदिवासी समुदाय से आते हैं उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाता और न ही उनके साथ हुई हिंसा को गंभीरता से लिया जाता है। इसकी वजह से दिन पर दिन इस तरह की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है क्योंकि अपराधियों को पता हैं वे ऐसी समाज से आते हैं जिन्हें उच्च वर्ग का दर्जा दिया गया है और उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

 

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