रिपोर्ट बताती है, गुलफाम अब खतरे से बाहर है, लेकिन वह “मानसिक रूप से परेशान और चिंतित है, और जब भी होश में आता है, तो उसे झटके (फिट्स) आते हैं।” यह वाक्य बताता है कि गुलफाम के साथ शारीरिक और मानसिक, दोनों तौर पर हिंसा की गई है। और अगर परिवार का आरोप सच है कि उसे ‘जय श्री राम’ कहने को मज़बूर करते हुए पूरी घटना को अंजाम दिया गया तो यह धार्मिक व सामाजिक तौर पर भी हिंसा है, जहां एक समुदाय पर जानबूझकर टारगेट करते हुए हिंसा की जा रही है, जहां समाज का झुकाव आरोपियों के तथाकथित धर्म की तरफ ज़्यादा है।
हिन्दुत्वादी ग्रुप द्वारा एक मुस्लिम किशोर को ‘जय श्री राम’ बोलने पर मज़बूर करते हुए उसके कपड़े उतारकर पीटा गया। मकतूब मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मामला यूपी के मेरठ का है व परिवार वालों ने हिन्दुत्वादी भीड़ पर यह आरोप लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किशोर की पहचान गुलफाम सैफी (19) के रूप में की गई है। वह सोफीपुर गांव का रहने वाला है व आईटीआई का छात्र है। वह राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिता की तैयारी कर रहा था, अभी उसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है, गुलफाम अब खतरे से बाहर है, लेकिन वह “मानसिक रूप से परेशान और चिंतित है, और जब भी होश में आता है, तो उसे झटके (फिट्स) आते हैं।”
जो यह बताता है कि गुलफाम के साथ शारीरिक और मानसिक, दोनों तौर पर हिंसा की गई है। और अगर परिवार का आरोप सच है कि उसे ‘जय श्री राम’ कहने को मज़बूर करते हुए पूरी घटना को अंजाम दिया गया तो यह धार्मिक व सामाजिक तौर पर भी हिंसा है, जहां एक समुदाय पर जानबूझकर टारगेट करते हुए हिंसा की जा रही है, जहां समाज का झुकाव आरोपियों के तथाकथित धर्म की तरफ ज़्यादा है।
घटना की जानकारी
नेटवर्क 10 द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, घटना तब हुई जब वह मंगल पांडे नगर के एक निजी शूटिंग रेंज से प्रैक्टिस करने के बाद घर लौट रहा था, उसके पिता अफ़ताब आलम ने बताया।
उन्होंने आगे बताया कि जैसे ही गुलफाम जेल चौंगी चौक के पास पहुंचा, जो एक पुलिस चौकी के पास है, उसे रोक लिया गया। जब आरोपियों को पता चला कि वह मुस्लिम है, तो उन्होंने उसकी सिर पर बंदूक तान दी और उसे उनके साथ कहीं किसी सुनसान जगह जाने को कहा।
किशोर के पिता ने बताया कि इसके बाद तीन आरोपी गुलफाम को मोटरसाइकिल से एक स्वीमिंग पूल के पास ले गए जो विक्टोरिया पार्क के पास है। वहां ले जाकर आरोपियों ने उसे पीटा, उसके कपड़े उतार दिए, उसका फोन छीन लिया और उसे मज़बूर किया कि वो ‘जय श्री राम’ बोले।
परिवार ने बताया कि इतना सब सहने और सामना करने के बाद वह बेहोश हो गया।
आरोपियों पर धाराएं
अफ़ताब आलम की शिकायत के आधार पर इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 351(2) (आपराधिक धमकी), 352 (शांति भंग करने की नीयत से जानबूझकर अपमान), और 324 (दुष्टता) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
परिवार के बयान के बाद भी पुलिस ने इस बात से इंकार कर दिया कि आरोपियों ने गुलफाम को उसके कपड़े उतारने के साथ ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने का कहा था। यह भी कहा कि उनके अनुसार यह मामला शुरू से ही दुश्मनी का मामला है।
सिविल लाइन्स के SHO महावीर सिंह ने कहा, “एफआईआर में गुलफाम को जय श्री राम कहने के लिए मजबूर करने का कोई जिक्र नहीं है। यह युवकों के बीच दुश्मनी का मामला लगता है,” जैसा कि न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया।
देखा जाए तो मामले में कई बातों को छानबीन से ओझल कर दिया गया है। परिवार द्वारा धार्मिक हिंसा की बात करना, गुलफाम के साथ शारीरिक हिंसा के साथ मानसिक हिंसा करना जिसके बारे में डॉक्टर्स ने भी अपने बयान में बताया है, तो यह मामला सिर्फ तीन ऐसी धाराओं में कैसे खत्म हो सकता है जहां जमानत मिलना कोई मुश्किल काम नहीं है?
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