गांव में नाली और खड़ंजा (ईंट की सड़क) न होने के कारण बारिश और घर के कामों की वजह से पानी जमा रहता है क्योंकि पानी का निकास नहीं हो पा रहा है।
रिपोर्ट – शिव देवी, लेखन – सुचित्रा
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के तिंदवारी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत अतराहट के निवासी पिछले 10 वर्षों से जल निकासी की गंभीर समस्या से गुजर रहे हैं। गांव में नाली और खड़ंजा (ईंट की सड़क) न होने के कारण बारिश और घर के कामों की वजह से पानी जमा रहता है क्योंकि पानी का निकास नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से घरों और गलियों में लगातार जलभराव की स्थिति बनी रहती है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
कई बार की प्रशासन से मांग
गांव की निवासी रामबाई ने बताया, “24 घंटे इसी जलभराव के बीच हमें आना-जाना करना पड़ता है। कोई भी काम हो, हमें पानी से होकर गुजरना पड़ता है। कई बार प्रधान और सचिव से नाली और खड़ंजा बनवाने की माँग की है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। अब हम उच्च अधिकारियों से गुहार लगाने की तैयारी कर रहे हैं।”
10 सालों की समस्या
अनीता का कहना है कि, “यह समस्या पिछले 10 सालों से जस की तस बनी हुई है। जब पंचायत चुनाव आते हैं, तो नेता और मंत्री वोट मांगने आते हैं और रास्ता बनवाने का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद कोई नहीं आता। हमारी स्पष्ट मांग है कि इस बार रास्ता और नाली बनने तक कोई वोट नहीं मिलेगा।”
काम नहीं तो वोट नहीं
गांव के एक अन्य निवासी रामकिशन ने बताया, “नाली और खड़ंजा न होने की वजह से पानी सड़कों और घरों में भर जाता है। कई बार ग्राम प्रधान और ब्लॉक के सचिव से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब फिर पंचायत चुनाव आने वाले हैं और हम यह तय कर चुके हैं जब तक हमारे मोहल्ले का रास्ता नहीं बनेगा, हम वोट नहीं देंगे। हर बार नेताओं की बातों में आ जाते हैं, लेकिन इस बार नहीं।”
तिंदवारी ब्लॉक के बीडीओ (खंड विकास अधिकारी) रमेश कुमार ने कहा, “इस मामले की हमें अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। यदि ग्रामीण शिकायत प्रस्तुत करेंगे तो हम मौके पर जाकर जांच करेंगे और वहां का एस्टीमेट बनाकर भेजा जाएगा। जब बजट पास होगा, तब नाली और खड़ंजा निर्माण का कार्य शुरू कराया जाएगा जिससे पानी की निकासी संभव हो सकेगी और लोगों की परेशानी दूर होगी।”
लोगों की यह समस्या हमेशा यूँ ही बनी रहती है। लोग उम्मीद किए बैठे रहते हैं कि कभी तो सरकार यह सड़क पक्की करवाएगी, लेकिन हर साल की तरह एक और साल बीत जाता है पर समस्या का हल नहीं होता।
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