वीडियो में आरोपी ने कुछ लोगों का नाम लेते हुए, उन्हें हत्या के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है: रानू, आफताब, अलीम खान, सलीम, आरिफ, अहमद और अज़हर। कहा, “वे भू-माफिया हैं, वे लड़कियां भी बेचते हैं। वह हम दोनों (उसे और उसके पिता) को झूठे मामले में फंसाने और जेल भेजने के बाद मेरी बहनों को बेचना चाहते थे। इसलिए मुझे अपनी बहनों का गला घोंटकर मारने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्हें और उनकी कलाइयों को काट डाला।”
“मेरा नाम मोहम्मद अरशद है। आज बस्ती वालों से तंग आकर, थक हारकर मज़बूरी में पूरे परिवार ने यह कदम उठाया है। आज अपने हाथ से अपनी बहनों और अपने आप को मारा है मैंने” – आगरा, यूपी के रहने वाले 24 वर्षीय आरोपी मोहम्मद अरशद ने कहा, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर इस समय काफ़ी वायरल है।
लखनऊ पुलिस ने आरोपी को अपनी माँ और अपनी चार बहनों की हत्या करने के आरोप में बुधवार को गिरफ़्तार कर लिया है। इस अपराध में उसके पिता मोहम्मद बद्र ने भी उसका साथ दिया।
एनडीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया कि बदायूं में जहां उसका घर है, उस पर पड़ोसियों और भू-माफ़ियों ने कब्ज़ा कर लिया था और उसकी बहनों की तस्करी करने की योजना बनाई थी।
आरोपी ने वीडियो में कहा कि वह बेबस था और अपने परिवार की महिलाओं की इज़्ज़त बचाना चाहता था।
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मामले की जांच ज़ारी
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय लखनऊ की डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) रवीना त्यागी ने मीडिया को बताया कि हत्या किये गए लोगों की पहचान अलिया (9), अलशिया (19), अक़सा (16), रहमीन (18) और उनकी मां आसमा के रूप में हुई है, जो सभी आरोपी अरशद की बहनें और मां थीं। उन्होंने कहा कि शुरूआती जांच से पता चला है कि उसने घरेलू झगड़ों के कारण यह कदम उठाया।
आगे कहा कि “फोरेंसिक टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया है ताकि सबूत इकट्ठा किए जा सकें। मामले की गहराई से जांच की जा रही है।”
हत्या के लिए किसने किया मज़बूर?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अरशद, आगरा का रहने वाला है। उसने कहा कि उसके इलाके के लोगों ने उसके और उसके परिवार के साथ ‘बहुत अत्याचार’ किये हैं ताकि वह उनका घर छीन सकें।
आरोप लगाते हुए आगे कहा,“हमारे परिवार ने यह कदम पड़ोसियों द्वारा लगातार परेशान करने की वजह से लिया है। मैंने अपनी मां और बहनों को मार डाला। जब पुलिस को यह वीडियो मिलेगा, तो वे जानेंगे कि इसके लिए स्थानीय लोग जिम्मेदार हैं। उन्होंने हम पर ज़ुल्म किये ताकि हमारे घर पर कब्जा कर सकें। हमने आवाज उठाई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। हमें फुटपाथ पर सोते हुए 15 दिन हो गए हैं, हम ठंड में भटक रहे हैं। हम नहीं चाहते कि बच्चे ठंड में भटकें। उन्होंने हमारे घर पर कब्जा कर लिया है। मेरे पास घर के दस्तावेज हैं।”
आरोपी ने दावा करते हुए बताया कि वह बदायूं का रहने वाला है। उसके पास 1947 से उसके राष्ट्रीयता के दस्तावेज़ भी हैं। इसके बाद भी उसे ‘बांगलादेशी’ बताया जाता है और स्थानीय लोगों द्वारा उसे लगातार परेशान किया जाता है।
आगे वीडियो में कहा, “हम लोग बस्ती वाले से परेशान होकर धर्म परिवर्तन करना चाहते थे ताकि हमें चैन से जीने दे।”
वीडियो में आरोपी ने कुछ लोगों का नाम लेते हुए, उन्हें हत्या के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है: रानू, आफताब, अलीम खान, सलीम, आरिफ, अहमद और अज़हर। कहा, “वे भू-माफिया हैं, वे लड़कियां भी बेचते हैं। वह हम दोनों (उसे और उसके पिता) को झूठे मामले में फंसाने और जेल भेजने के बाद मेरी बहनों को बेचना चाहते थे। इसलिए मुझे अपनी बहनों का गला घोंटकर मारने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्हें और उनकी कलाइयों को काट डाला।”
“हमारी मौत के ज़िम्मेदार गली वाले हैं।”
“मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि जो घर उन्होंने छीन लिया, वह मेरी बहनों ने प्यार और स्नेह से सजाया था। मैं चाहता हूं कि उस ज़मीन पर एक मंदिर बनाया जाए और हमारी सभी चीज़ें जरूरतमंदों को दान कर दी जाए।”
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार,आरोपित के पड़ोसियों ने, जिनका घर आगरा के टेढ़ी बागीया इलाके में स्थित है, उसके द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारा है। कहा कि वह ‘साइको’ (मानसिक रूप से स्वस्थ) है। पड़ोसी फातिमा बेगम ने कहा, “मोहम्मद बद्र और उनका बेटा मोहम्मद अरशद यहाँ दस साल से रह रहे हैं, लेकिन कभी भी इलाके में किसी से दोस्ती नहीं की। वे अक्सर झगड़े करते रहते थे और लगभग हर व्यक्ति से लड़ चुके हैं।”
इस मामले में हत्या को किसी भी तरह से नकारा नहीं जा सकता और न ही इस बात को नज़रअंदाज़ किया जाना चाहिए कि इस हत्या की शुरुआत कहां से हुई? किसने की? इसमें कौन लोग शामिल हैं?
आरोपी ने एक जगह अपना धर्म परिवर्तन करने के बाद चैन से जीने की भी बात की, जो इस तरफ इशारा करती है कि इस मामले में उनकी मुस्लिम पहचान का होना, एक महत्वपूर्ण पहलु है जो आज के देश के परिदृश्य को भी दर्शाता है, जहां हर दिन एक मुस्लिम व्यक्ति की संदेह के नाम पर हत्या कर दी जाती है। यह मामला सिर्फ हत्या का नहीं है, बल्कि एक समुदाय, आज की विचारधारा और आज देश की बदलती सामुदायिक भावना को लेकर भी है।
वीडियो के आखिर में आरोपी ने मदद मांगते हुए कहा,“हिंदुस्तान के अंदर फिर किसी परिवार को ऐसा न करना पड़े…. मोदी जी, योगी जी, आपसे विनती है, हर मुसलमान एक-सा नहीं होता है जैसा आप सोचते हो। हाथ जोड़कर विनती करता हूँ, जीते जी तो हमें इंसाफ नहीं मिला, मरने के बाद इंसाफ़ दे दीजिये।”
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