खबर लहरिया Blog यूपी : जल योजनाओं की पहुँच सिर्फ बाहरी इलाकों तक, पिछड़े क्षेत्रों का क्या?

यूपी : जल योजनाओं की पहुँच सिर्फ बाहरी इलाकों तक, पिछड़े क्षेत्रों का क्या?

लिखा-पढ़ी में यूपी जल योजनाओं के तहत ग्राम पंचायत के हर घर को टंकी से पानी देने की व्यवस्था लिखी हुई है जबकि अभी भी सबको पानी की सुविधा नहीं मिल पाई है।

अयोध्या : ज़मीनी और राष्ट्रिय स्तर पर कई जल योजनाएं चल रही हैं पर कोई भी योजना ऐसी नहीं है जिसे यह कहा जा सके कि वह योजना पूर्णतयः सफल है। अयोध्या जिले के जाना बाज़ार की बात करें तो 5 सालों बाद भी जाना ग्राम पंचायत के छः गाँव के लोगों को शुद्ध पानी मुहैया नहीं हो पाया है। वहीं यह देखा जा रहा है, जहां एक तरफ लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा वहीं दूसरी तरफ पाइप फटने से चौराहें व बाज़ारों में जलभराव की समस्या उतपन्न हो गयी है।

वहीं यह भी देखा गया कि अमूमन योजना का लाभ विकसित गाँव या शहर तक ही पहुँचता है। छोटे मजरे, कस्बे व पिछड़े क्षेत्रों में बसे लोग चाह कर भी न तो योजनाओं का लाभ उठा पाते और न ही कुछ कर पातें हैं। इन क्षेत्रों तक पानी की सुविधा पहुंचे, पानी की पाइपलाइन बिछे आदि सरकार द्वारा किये जाने वाले कार्य पर सबसे बड़ा सवाल है कि यह सुविधाएँ आख़िर ज़रूरतमंद इलाकों तक क्यों नहीं पहुँच पाती?

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पानी का है कनेक्शन पर पानी नहीं

बता दें, जाना ग्राम पंचायत में कुल 900 घरों में पानी का कनेक्शन है जिसमें से 50 फीसदी परिवार ऐसे हैं जिन्हें पानी की सुविधा नहीं मिल पायी है। पानी की सुविधा लोगों तक पहुंचे इसका कोई रास्ता निकालने की जगह विभाग के ज़िम्मेदार अधिकारी बजट न होने की बात कहकर अपने कदम पीछे कर लेते हैं।

भ्रष्टाचार की वजह से नहीं मिल पा रहा योजना का फायदा

विकासखंड तारुन की लगभग 15 हज़ार की आबादी है। सभी को शुद्ध पेयजल मिले इसके लिए सरकार द्वारा साल 2015-16 में पानी की टंकी का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। तकरीबन 1 करोड़ 25 लाख रुपए की लागत से साल 2018 में पानी की टंकी का निर्माण कार्य पूरा हुआ। इसके साथ ही ग्राम पंचायत के 26 मजरों में से 20 मजरों में पाइप लाइन बिछाकर ग्राम वासियों को पानी देना भी शुरू कर दिया गया था।

जिन गांवों तक पानी नहीं पहुंचा, लोगों ने उस लापरवाही को भ्रष्टाचार का नाम दिया। यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की वजह से ही योजना ग्राम पंचायत को नहीं सौंपी गयी। यही नहीं 5 साल बीत जाने के बाद भी ग्राम पंचायत के चौबेपुर, दलित बस्ती, कैथौलिया पश्चिमी, ओझाने, आंशिक मिसरहिया, खेवटिया, भीमराव नगर कॉलोनी सहित 6 मजरों में आज तक पाइपलाइन नहीं डाली गई है।

वहीं पंडित का पुरवा,मयन्दीपुर, कुरैयाभारी,खौदवा, श्रीरामपुर आदि मजरें ऐसे हैं जहां पानी की पाइपलाइन बिछी हुई है।

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मजरों में पानी न पहुँच पाने के कारण

– घटिया पाइप का इस्तेमाल किया जाना
– पाइप को सड़क से महज 2-3 इंच का गड्ढा करके उसमें पाइप बिछाकर जोड़ना। इसका परिणाम यह होता है कि पाइप सड़क के ऊपर निकलकर दिखाई देने लगती है और आने जाने वाले वाहनों के नीचे दबकर फट जाती है।
– फटी पाइपों से पानी का निकलना।

यह देखा गया कि जाना बाजार चौराहा, जाना-बीकापुर मोड़, मार्डन विद्यालय, रामलीला मैदान, बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक आदि कई ऐसे स्थान है जहां की पाइपें फटी हैं और उनमें से लीकेज हो रहा है। जिससे पानी की बर्बादी हो रही है और लोगों तक पानी नहीं पहुँच रहा है।

अधिकारियों की वजह से नहीं मिल पाता लाभ – कनेक्शन धारक

खबर लहरिया ने जाना ग्राम पंचायत के कनेक्शन धारकों से जिसमें धर्मराज पटेल , अंजू मोदनवाल, शैलेंद्र कुमार यादव , शेर बहादुर शेर , मोहम्मद निजाम , काली प्रसाद गौड़ , प्रदीप कुमार ,संतोष कुमार, विपिन कुमार आदि लोगों से जल योजना को लेकर बात की। सभी में एक बात सामान्य थी। लोगों ने बताया कि सरकार योजना के माध्यम से गांव वासियों को पैसा दे देती है लेकिन विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों व ठेकेदारों की वज़ह से गांव की जनता को योजना का लाभ नहीं मिल पाता।

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ग्राम प्रधान को सौंपी जायेगी ज़िम्मेदारी

ग्रामीण पेयजल योजना के अंतर्गत निर्मित पानी की टंकी व पंप हाउस की देख-रेख करने के लिए जल निगम विभाग द्वारा राजेंद्र प्रसाद को तैनात किया गया है। राजेंद्र प्रसाद पूरे जाना ग्राम पंचायत के ऑपरेटर हैं। राजेंद्र ने बताया कि दो पंपों में से एक ही पंप चल रहा है। दूसरा करीब एक साल से मोटर की खराबी के चलते बंद पड़ा है। साथ ही बिजली के कम वोल्टेज होने की वजह से मोटर सही से नहीं चल पाता। आगे कहा कि यह काम अब विभाग ग्राम प्रधान को सौंप देगा।

बजट के बाद होगा पाइपलाइन का काम

हमने जल निगम के अभियंता यस यल बिंद से जब पानी की समस्या के बारे में पूछा तो उन्होंने ग्राम सभा में बिछी पाइपलाइनों व अन्य सारी कमियों को स्वीकार करते हुए कहा कि जिन 6 गांव में पाइप लाइन नहीं बिछी है वहां का सर्वे नहीं हुआ है। सर्वे कराकर पाइप बिछाई जाएगी। वहीं लीकेज व अन्य कमियों के बारे में कहा कि अभी विभाग के पास बजट नहीं है। बजट के लिए कार्यवाही की जा रही है। बजट मिलने पर सब ठीक करा दिया जाएगा।

इसके साथ ही रिपोर्टिंग के दौरान यह बात भी सामने आयी कि लिखा-पढ़ी में ग्राम पंचायत के हर घर को टंकी से पानी देने की व्यवस्था लिखी हुई है जबकि सभी को पानी की सुविधा नहीं मिली है। ऐसे में जब यह कहा जाता है कि सरकारी आंकड़ों से ज़मीनी हकीकत अलग होती है तो यह बात कोई गलत नहीं है। हर साल राज्य सरकार द्वारा कई जल योजनाएं शुरू की जाती है और सिर्फ बाहरी इलाकों तक पानी मुहैया कराने के बाद उन्हें रिकार्ड्स में दर्ज़ कर दिया जाता है। वहीं वह छोटे कस्बे या मजरे जो विकसित इलाकों से दूर बसे हैं और जिन्हें योजनाओं को सख्त ज़रुरत है इस लाभ से वंचित रह जाते हैं।

इस खबर की रिपोर्टिंग कुमकुम यादव द्वारा की गयी है। 

 

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