नाबालिग खून से सने ज़मीन पर लेटी हुई है। वह हिम्मत करके अपने हाथों को उठा मदद के लिए इशारा कर रही है लेकिन उसके आस-पास हाथों में फोन लिए 3-4 पुरुष मदद करने की बजाय अलग-अलग एंगल से उसकी वीडियो बना रहे हैं।
नाबालिग खून से सने ज़मीन पर लेटी हुई है। वह हिम्मत करके अपने हाथों को उठा मदद के लिए इशारा कर रही है लेकिन उसके आस-पास हाथों में फोन लिए 3-4 पुरुष मदद करने की बजाय अलग-अलग एंगल से उसकी वीडियो बना रहे हैं। वीडियो में लोग एम्बुलेंस और पुलिस के बारे में कहते हुए सुनाई दे रहे हैं। इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। यह दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो यूपी के कन्नौज जिले का है। एक और निर्मम घटना के मामले में यूपी का नाम फिर से सबसे आगे आ गया है।
न्यूज़ 18 की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोगों का आरोप है कि पहले 12 साल की नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर उसे यूपी के कन्नोज में डाक बांग्ला गेस्ट हाउस के पीछे खून से लथपथ पाया गया। पुलिस द्वारा अभी तक यौन उत्पीड़न की बात की पुष्टि नहीं की गयी है। मिली जानकारी के मुताबिक बच्ची को इलाज के लिए कानपुर रेफर कर दिया गया है।
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पुलिसकर्मी गोद में लिए बच्ची को लेकर पहुंचा अस्पताल
दैनिक भास्कर की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, घटना कन्नोज जिले के गुरसहायगंज मोहल्ले की है। रविवार, 23 अक्टूबर को दोपहर तकरीबन 12 बजे नाबालिग घर से गुल्लक लेने निकली थी। जब वह घर नहीं लौटी तो घरवालों ने छानबीन करना शुरू कर दिया। शाम को तकरीबन 5 बजे के बाद वह एक सरकारी गेस्ट हाउस के पास मिली। बच्ची के शरीर पर कई ज़ख्म थे और सिर पर भी चोट के निशान थे।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के आने तक नाबालिग उसी हालत में पड़ी रही। इसके बाद घटना का एक और वीडियो वाटरल हो रहा है जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल लड़की को गोद में लिए ऑटोरिक्शा की ओर भागते हुए दिख रहा है। पुलिस ने बच्ची को गुरसहायगंज के ही एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया।
बलात्कार के लिए किया अगुवा – परिवार का आरोप
नाबालिग के परिवार ने दैनिक भास्कर को बताया कि
“रेप करने के लिए उसको अगवा किया गया था। बच्ची के विरोध करने के कारण उस पर हमला किया गया होगा जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई। बच्ची को मरा समझ कर दरिंदे उसे सुनसान जगह पर फेंककर भाग गए होंगे।”
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वीडियो में बच्ची के साथ दिख रहा युवक
मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह ने एनडीटीवी को दिए अपने एक बयान में कहा,
“हमें नाबालिग लड़की घायल हालत में मिली और स्थानीय पुलिस ने उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। लड़की के परिवार की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। अभी तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।”
उन्होंने आगे बताया,
“गेस्ट हाउस में लगे सिक्योरिटी कैमरे की फुटेज में एक युवक नाबालिग लड़की के साथ दिख रहा है। नाबालिग उससे बात कर रही है और देखकर लग रहा है कि युवक उसका परिचित है। लड़के का पता लगाया जा रहा है। फिलहाल बलात्कार की पुष्टि नहीं हो सकी है क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट नहीं आई है।”
बच्ची के बयान का हो रहा इंतज़ार
फर्स्ट पोस्ट की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, गुरसहायगंज थाना प्रभारी मनोज पांडे ने कहा कि अभी किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी और पुलिस बच्ची के बयान का इंतजार कर रही है।मेडिकल रिपोर्ट व नाबालिग के बयान के बाद यह तो साफ हो जाएगा कि बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है या नहीं जिसे पुलिस पूरी तरह से झुठला रही है। वहीं वीडियो में एक चीज़ साफ़ तौर पर दिखाई दे रही थी, वह यह कि कुछ लोगों के अंदर से मनुष्यता इस कदर मर चुकी है कि वह फोन से उसका वीडियो बनाने में मशगूल हैं। दूसरा यह है कि प्रदेश सरकार हर बार महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा का बेड़ा उठा बड़े-बड़े दावे करती है और फिर कुछ दिनों बाद ऐसी ही कोई हीन घटना प्रदेश में देखने को मिल जाती है। क्या इसे ही सुरक्षित प्रदेश कहा जा रहा है? ऐसे समाज में आखिर कोई सुरक्षित कैसे रहे जहां फोन में मनोरंजन हेतु वीडियो रिकॉर्ड करना किसी की मदद करने से पहले है?
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